परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में अगर कोई तकनीकी दिक्कत आ रहीं है तो वे विद्यालय समय में कभी भी हाजिरी लगा सकेंगे। विद्या समीक्षा केंद्र के विशेषज्ञों की पदट से वह तकनीकी गड़बड़ी का समाधान करा सकेंगे। ब्रेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को शिक्षकों को यह बड़ी राहत दे दी। अभी तक उन्हें सुब्रह 8:30 बजे तक ही आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की सुविधा थी लेकिन तमाम शिक्षक तकनीकी खामियों का हवाला देकर उपस्थित नहीं लगा रहे थे।
महानिदेशक, सकल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के ब्रेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं। वहाँ टूसरी ओर शिक्षकों ने पांचवें दिन भी आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का विरोध जारी रखा। विद्यालयों में तैनात कुल ७.0० लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों में से एक प्रतिशत से भी कम ने हाजिरी लगाईं। सुबह स्कूल खुलने पर 3,494 शिक्षकों और दोपहर में विद्यालय बंद होने पर 1,816 शिक्षकों ने ही इस व्यवस्था का पालन किया। सोमवार को जब्ब यह व्यवस्था लागू की गई थीं, उस दिन 16 हजार से अधिक शिक्षकों ने इसका पालन किया था। वहीं शुक्रवार से जिलों में शिक्षाधिकारियों की टीमों ने निरीक्षण करना शुरू किया और देर से विद्यालय आने वाले कई शिक्षकों का वेतन काटने के निर्देश भी दिए गए हैं। उधर, पढ़ाई के अलावा विभागीय कार्यों में मदद के लिए शिक्षक संकुल बनाए गए तमाम अध्यापकों ने दबाव बनाने के लिए अपने पद से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। एटा में धीरज पाल सिंह, हेमराज, विजय लक्ष्मी और नीरज कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। अन्य जिलों में भी इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया है।
उप्र ब्रीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने मांग की है कि शिक्षक संगठनों के साथ अधिकारी ब्रैठक करें। शिक्षकों को अर्द्ध अवकाश व अर्जित अवकाश की सुविधा दी जाए।