प्रयागराज, परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में तमाम कोशिशों के बावजूद बड़ी संख्या में बच्चे बगैर यूनिफॉर्म पहने आ रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों की मानें तो अब तक पंजीकृत 3.65 लाख छात्र-छात्राओं में से आधे से अधिक बच्चों के खाते में यूनिफॉर्म, बैग, जूता-मोजा वगैरह के लिए 1200-1200 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से भेजे जा चुके हैं। लेकिन आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने जब स्कूलों में मंगलवार को पड़ताल की तो जमीनी हकीकत जुदा थी। कुछ स्कूलों में तो शिक्षकों और अभिभावकों के प्रयास से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे यूनिफॉर्म में आ रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे भी बगैर यूनिफॉर्म के आ रहे हैं जिनके खाते में रुपये तो भेजे जा चुके हैं।
35 में से सात बच्चे यूनिफॉर्म में आए
हिन्दुस्तान की टीम जब प्राथमिक विद्यालय बेनीगंज पहुंची तो मिड-डे-मील के बाद साफ-सफाई चल रही थी। वैसे तो स्कूल में 87 बच्चे पंजीकृत थे, लेकिन मोहर्रम के कारण तकरीबन आधे बच्चे अनुपस्थित थे। एक कक्षा में तकरीबन 35 बच्चे मिले जिनमें से केवल सात ही यूनिफॉर्म में थे। प्रधानाध्यापिका सुधा आर्या ने बताया कि कई बच्चों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) का पैसा नहीं मिला है। इसके चलते बच्चे यूनिफॉर्म में नहीं आ रहे हैं। अभिभावकों से बार-बार अनुरोध किया जा रहा है और कई ने यूनिफॉर्म सिलवाई भी है।
प्राथमिक विद्यालय राजापुर द्वितीय की स्थिति दयनीय
प्राथमिक विद्यालय राजापुर द्वितीय की स्थिति तो बहुत ही दयनीय है। स्कूल के बाहर बजबजाती नाली, एक कमरे में गाय और पूरे परिसर में चारों ओर गंदगी। वैसे तो स्कूल में कक्षा एक से पांच तक के 52 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, लेकिन मंगलवार को केवल 14 मौजूद मिले। इनमें से किसी भी बच्चे ने यूनिफॉर्म नहीं पहनी थी।