लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी शिक्षकों का विरोध जारी रहा। शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कक्षाएं लीं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव, सांसद चंद्रशेखर समेत कई पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने शिक्षकों का समर्थन किया। इन लोगों ने शिक्षकों के पक्ष में एक्स पर लिखा और सीएम को पत्र भेजा है। कई जिलों में बैठक कर संयुक्त शिक्षक मोर्चा भी बनाया गया। ताकि सभी संगठन एक मंच पर आकर सामूहिक विरोध कर सकें। बरेली में प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन
(यूटा), महिला शिक्षक संघ, शिक्षामित्र
संघ, अनुदेशक संघ ने सामूहिक रूप
से संयुक्त मोर्चा बनाकर रणनीति तैयार
की। तय किया कि बुधवार को जिले के
सभी ब्लॉकों में उप मुख्यमंत्री के नाम
ज्ञापन दिया जाएगा। विरोध में शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस दर्ज नहीं कराई और एक्स पर बायकाट ऑनलाइन हाजिरी का अभियान चलाया। शिक्षकों ने 15 सीएल, 30 ईएल, राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा परिवार सहित, प्रमोशन देने की मांग की। दूसरे दिन भी काफी कम संख्या में शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिति दर्ज कराई। दूसरी तरफ देर शाम डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई। हालांकि शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उधर, डिजिटल उपस्थिति को बेहतर बताते हुए विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने कहा कि यदि कोई शिक्षक एक या दो घंटे देरी से स्कूल आता है, तो कक्षा के दो पीरियड बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए शिक्षकों की उपस्थिति को मजबूत करना जरूरी है।
सोशल मीडिया पर आदेश रद्द करने की अफवाह
उधर देर शाम सोशल मीडिया पर इस आदेश को रद्द करने की बात होती रही। सोशल मीडिया पर यह बात चलती रही कि यह आदेश रद्द हो गया। उधर इससे संबंधित अधिकारियों ने आदेश रद्द की बात से साफ मना कर दिया।