वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। अगर आप वेतनभोगी हैं और कमाई कर के दायरे में आती है तो आपके लिए आईटीआर भरना अनिवार्य है। आयकर रिटर्न उन वेतनभोगियों को भी जरूर भरना चाहिए, जिनकी आय कर योग्य सीमा से कम है। ऐसे व्यक्ति अपना रिटर्न शून्य (नील) आईटीआर के रूप में दाखिल कर सकते हैं। इसके कई लाभ मिलते हैं।
शून्य आईटीआर वे लोग भरते हैं, जिनकी सालाना कमाई सभी कटौतियों और छूटों के बाद कर योग्य सीमा से कम हो या जिन पर कोई टैक्स देनदारी नहीं है। 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए पुरानी कर व्यवस्था में छूट सीमा 2.5 लाख और नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये है।
वीजा के लिए आवेदन में मददगार
आईटीआर एक आधिकारिक आधिकारिकाय का प्रमाण माना जाता है।
अगर आप विदेश यात्रा करना चाहते है, तो वीजा देने से पहले दूतावास आपकी वित्तीय स्थिति जानने के लिए
पिछले तीन वर्षों का आईटीआर मांगते हैं। समय
पर रिटर्न दाखिल करना यह सुनिश्चित करता है कि आप कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं। इससे वीजा मिलने में आसानी होती है।
बढ़ जाती है कर्ज लेने की योग्यता
अगर आप कर्ज लेने के लिए किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में जाते हैं तो वे आमतौर पर वित्तीय स्थिरता के बारे में जानने के लिए आपसे सबूत मांगते हैं। आपका आईटीआर आपकी आय, मौजूदा देनदारियों और निवेश का लेखजोखा
बताता है। इससे बैंक आपकी पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन भी करते हैं। इसलिए, नियमित रिटर्न भरने से आपको आसानी से कर्ज मिलने की संभावना बेहत्तर हो सकती है।
टैक्स छूट के लिए कर सकते हैं क्लेम
आप जब आईटीआर दाखिल करते हैं तो चुकाए गए किसी भी अतिरिक्त कर पर रिफंड का दावा करने के लिए पात्र हो जाते हैं। आपकी आय कर योग्य सीमा से कम हो तो भी वेतन आय या मिले ब्याज पर टीडीएस के जरिये कर भुगतान कर सकते हैं। ऐसा करने से आप आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी और अन्य के तहत निवेश एवं खर्च पर छूट का दावा कर सकते हैं
…तो नुकसान को कर सकते हैं कैरी फॉरवर्ड
शून्य आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया नियमित आईटीआर दाखिल करने जैसी ही होती है। निर्धारित समय से पहले रिटर्न भरने से आप
शेयर बाजार में निवेश या व्यावसायिक
गतिविधियों से हुए नुकसान को लगातार आठ वित्त वर्ष तक कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं। साथ ही, यह आपको विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पात्रा बनाता है। आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार