ज्ञानपुर। जिले में लोकसभा चुनाव की ड्यूटी से बचने के लिए 80 शिक्षकों ने फर्जी मेडिकल लगा दिया। शिक्षा विभाग की जांच में खुलासा होने पर सभी को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई। चुनाव ड्यूटी में गायब रहने वाले 106 शिक्षकों में 26 का स्पष्टीकरण सही मिला जबकि 80 ने गलत जानकारी दी। सीडीओ के निर्देश पर बीएसए ने शिक्षकों पर कार्रवाई की।
जिले में छठवें चरण में 25 मई को मतदान हुआ। चुनाव को सकुशल कराने के लिए करीब छह हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
इसमें ढाई से तीन हजार शिक्षकों की ड्यूटी लगी थी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर कोई शिक्षक ड्यूटी पर नहीं पहुंचता है तो उसपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। 24 मई को कलेक्ट्रेट परिसर से बूथों पर पोलिंग पार्टियां रवाना की गई।
उस दौरान ज्ञानपुर, डीघ, सुरियावां, अभोली, भदोही और औराई ब्लॉक के 176 शिक्षक बिना किसी सूचना के ३ नुपस्थित रहे। चुनाव खत्म होने के
बाद ऐसे शिक्षकों का जून का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया। पखवारे भर में सभी शिक्षकों ने स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, जिसमें सभी ने बीमार होने का हवाला दिया। जिस पर तत्कालीन सीडीओ यशवंत कुमार
सिंह ने नाराजगी जताते हुए जांच का निर्देश दिया।
बेसिक शिक्षा विभाग ने उनके मेडिकल कागजात की जांच कराई तो सिर्फ 26 शिक्षक ही सही मिले। 80 शिक्षक सिर्फ चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाकर भेज दिया।
चुनावी कार्य में लापरवाही, झूठे प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर विभाग ने
80 शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी किया। चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों में 21 भदोही ब्लॉक, 18 ज्ञानपुर, नौ सुरियावां, डीघ ब्लॉक से 23 शामिल हैं। इसी तरह भदोही नगर से छह, अभोली से 10 और 16 औराई ब्लॉक के हैं।
प्रतिकूल प्रविष्टि का प्रभाव
ज्ञानपुर। सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान प्रतिकूल प्रविष्टि या परिनिंदा मिलना अच्छा नहीं माना जाता। इससे उसके नौकरी में कई दिक्कतें आती हैं। जैसे कि उसके प्रमोशन में देरी होना, वेतन वृद्धि में रुकावट, खराब सर्विस रिकॉर्ड और उसकी जिम्मेदारियों में कमी आना जैसा असर पड़ता है।
चुनाव ड्यूटी में न आने वाले 106 शिक्षकों ने बीमार होने का हवाला देकर मेडिकल लगाया था। जांच में 80 शिक्षकों का मेडिकल सही नहीं मिला। सीडीओ के निर्देश पर सभी
को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी को गई है।- भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए