गोंडा : गर्मी ने एक बार फिर सितम ढाना शुरू कर दिया है। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में कई परिषदीय विद्यालयों में शनिवार को गर्मी के चलते आठ बच्चों की हालत बिगड़ गई। बच्चों की तबियत बिगड़ते ही परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों में खलबली मच गई। आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां हालत में सुधार होने पर उन्हें घर भेज दिया गया।
कंपोजिट विद्यालय लखाही में रोजाना की तरह विद्यालय परिसर में बच्चे कमरों में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। एकाएक गर्मी के चलते बच्चों की तबियत बिगड़ने लग गई। धीरे-धीरे बच्चे कक्षाओं में गर्मी के चलते घबराने लगे और कुछ बच्चे बेहोश हो गए। विद्यालय में तैनात शिक्षकों ने बच्चों को कक्षाओं से बाहर खुले आसमान में लाकर बैठाया। कक्षा 7 की राबिया व शनी व कक्षा तीन के तबरेज तबियत इतनी बिगड़ गई कि बच्चे कक्षाओं में बेहोश हो गए। बच्चों के बेहोश होते ही शिक्षक ने इस बात की सूचना विभाग में दी और बच्चों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया।
सुबह से ही विद्यालय परिसर में नहीं थी बिजली
परिषदीय विद्यालयों में सुबह से बिजली न आने के कारण यह हालत हुई। बिजली न आने के कारण बच्चे तेज गर्मी को बर्दाशत नहीं कर सके। बिजली न होने के कारण स्कूल में लगे पंखे बंद पड़ रहे। इस कारण बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी। करीब 12 बजे जाकर बिजली आ पाई , इसके बाद स्कूल प्रशासन ने राहत की सांस ली।
स्कूल के समय में हो परिवर्तन
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ज्ञान सागर पाठक व संयुक्त मंत्री शिव कुमार सोनी ने बीएसए को ज्ञापन सौंपकर स्कूल का समय बदलने की मांग है। वहीं, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह व जिला मंत्री मंगलदेव मिश्र ने कहा कि उमसभरी गर्मी में बिजली कटौती होने से बच्चे गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दोपहर दो बजे स्कूलों की छुट्टी होती है। ऐसे में भरी दोपहर में बच्चे घर जाने को मजबूर होते हैं। भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूल के समय में परिवर्तन किया जाए।
कराई जाएगी मामले की जांच
शनिवार को कई स्कूलों में बच्चों के बेहोश होने की सूचना मिली है। कुछ बच्चों की तबियत पहले से ही खराब थी। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है। जल्द ही समय परिवर्तन को लेकर भी विचार किया जाएगा।-शुभम शुक्ला, बीएसए