लखनऊ। करीब 25 वर्ष बाद प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में नए पद सृजित होने जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों, राजस्व, इंजीनियरिंग, नगर नियोजकों, लेखाधिकारियों समेत प्रदेश के हर प्राधिकरण में एक से ढाई हजार तक नए पद सृजित होंगे। इसके अलावा रिक्त 60 से 70 प्रतिशत पदों पर भी भर्ती होगी। नए पदों को सृजित करने के लिए सचिव आवास एवं शहरी नियोजन की अध्यक्षता में नौ बड़े अफसरों की कमेटी बना दी गई है।
प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों की सीमाएं लगातार बढ़ाई गईं। कई विकास प्राधिकरणों की सीमाएं और क्षेत्रों को पांच पांच गुना तक बढ़ाया गया। शहरों का बहुत विस्तार हुआ, लेकिन नए पद नहीं सृजित किए गए। जो पद पहले से सृजित पद थे, उन पर तैनात अधिकारी कर्मचारी भी धीरे-धीरे रिटायर हो गए। स्थिति ये है कि प्राधिकरणों और आवास विकास में 70 से 75 प्रतिशत तक पद रिक्त हैं। अब करीब 25 वर्ष बाद नए पद सृजित होने का रास्ता खुला है। इन पर भर्ती भी होगी। सरकार ने प्रदेश के सभी प्राधिकरणों में नए पद सृजित करने का आदेश जारी कर दिया है।
वर्तमान-भविष्य की जरूरत देखकर सृजित होंगे पद शासन ने प्राधिकरणों में वर्तमान और भविष्य की जरूरत और औचित्य देखते हुए नए पद सृजित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही औचित्यहीन या अनुपयोगी पद समाप्त करने को कहा है। इसकी जगह वर्तमान तकनीकी युग के उन नए पदों को सृजित करने का निर्देश दिया है, जिनकी आज जरूरत है।
सृजित होंगे ये पद
प्राधिकरणों में नए पदों को सृजित करने के लिए मंथन शुरू है। जिस तरह स्मारकों में प्रबंधक जैसे पद सृजित हुए थे, उसी तरह प्राधिकरणों में प्रबंधकों के पद सृजित हो सकते हैं। कम्प्यूटर इंजीनियर, प्लानर्स, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिक्ल इंजीनियरों के नए पद भी सृजित होंगे। प्रशासनिक अधिकारियों, लेखा कर्मियों, लेखाधिकारियों, उद्यान अधिकारियों, विधि अधिकारियों, राजस्व संवर्ग के कानूनगो, लेखपाल, सर्वेयर, अमीन, वृक्ष संवर्धन संवर्ग, सिविल इंजीनियरों के पद भी सृजित होंगे। लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के भी नए पद आएंगे।