कुछ बातें समाज, मीडिया और व्यक्ति विशेष के लिए
प्रश्न-कुछ लोग ये कहते हैं की मास्टर की सैलरी 1लाख और काम कुछ नही ऐसा क्यों?
उत्तर -अगर अध्यापक नहीं पढ़ाता तो ग्रामीण परिवेश के बच्चे नवोदय में, विद्या ज्ञान में और कई तरह की परीक्षाओं में सफल कैसे हो जाते।
प्रश्न -कुछ का कहना है की अगर मजदूर समय से मजदूरी करने जा सकता है तो अध्यापक क्यों नही?
उत्तर -पहली बात ये सवाल उठना ही नही चाहिए मजदूर की तुलना अध्यापक से नही होनी चाहिए गुरु का दर्जा सबसे बढ़कर है आपको पता होना चाहिए मस्तिष्क का स्थान शरीर में सबसे ऊपर है।अध्यापक आज के समय में समय के प्रति प्रतिबद्ध है सभी लोग समय से ही जाते हैं, हां कुछ परिस्थितियां ऐसी बन जाती है की अध्यापक देर हो जाता है, लेकिन वो भी कभी कभी।
प्रश्न -ऑनलाइन उपस्थिति देने में क्या दिक्कत है फिर?
उत्तर- दिक्कत कोई नही है, सब तैयार है बस कुछ समस्या हैं वो हल हो जाएं
1 -हाफ डे लीव bahut जरूरी है कुछ विषम परिस्थितियां ऐसी होती है जो बिना बताए आती है आप उनसे भलीभांति परिचित है।
2 -30 ईएल जिससे कोई आपदा आने पर छुट्टी ली जा सके ।
3 -स्थानांतरण ससमय हो जिससे लोगों की परेशानियां कम हो सकें।
4- कैशलेस चिकित्सा
5 – राज्य कर्मचारी का दर्जा
प्रश्न- प्राइवेट वाले 12000 में सारे काम सरकारी वाले 1लाख वो भी बिना काम के?
उत्तर- केवल ये धारणा हमारे समाज द्वारा बनाई गई है मैंने भी प्राइवेट में पढ़ाया है वहां सिर्फ और सिर्फ स्टडी पर फोकस होता है लेकिन इसके विपरीत यहां पर आपको सिर्फ पढ़ाना ही नही आपको मिड डे मील देखनी है, आपको कंस्ट्रक्शन का भी काम कराना है,आपको सर्वे भी करना है आपको डीबीटी भी करना है, आपको चुनाव भी कराना है और आपको बच्चों को भी निपुण बनाना है ऐसे ही 72 काम करने पड़ते है जो शिक्षण से इतर है।। जब highschool और इंटर का पेपर होता है सभी शिक्षकों की ड्यूटी 1 महीने के लिए लगा दी जाती है सिर्फ 1 अध्यापक के भरोसे पूरा विद्यालय होता है। इतनी विषम परिस्थितियों में भी हर अध्यापक हर काम करता है और बच्चों को निपुण भी बनाता है फिर भी उसे लोग कामचोर कहते हैं और अब selection मेरिट पर नही अब तो कंपटीशन पर होता है फिर भी उंगली उठाना ये कहां तक जायज है?
प्रश्न -कुछ लोग कहते हैं की प्राइवेट वालों का कंपटीशन सरकारी वालों से करा लो तो प्राइवेट वाले पानी पिलवा देंगे?
उत्तर- आखिर कंपटीशन क्यों करा ले कंपटीशन वहां कराओ जहां उनका भला हो उनको नौकरी मिले हम लोगों से कंपटीशन करके कुछ मिले तो करवा लो उसके लिए भी तैयार हैं। मेरे पढ़ाए हुए बच्चे आज भी जानते हैं वेरी वैल्यू और करते भी हैं।
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