*विशेष :*
*”साथियों, ऑनलाइन उपस्थिति के संबंध में विभाग द्वारा वर्तमान में 30 मिनट की छूट दिया जाना एक ट्रैप है। इसके लालच में आकर यदि आप ऑनलाइन उपस्थिति देना प्रारम्भ कर देंगे तो आने वाले समय मे यह आदेश वापस ले लिया जाएगा और आप कोई तर्क भी प्रस्तुत नही कर पाएंगे अतएव धैर्य और संयम से काम लें। दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए।”*
—– जनहित में जारी 🙏
LIVE : शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ शुरू की मुहिम | सरकार बढ़ा रही समस्याएँ, होगा बड़ा विरोध…
☑️ *बंधु जी ने कह दी बड़ी बात कहा शिक्षक सुगम माध्यम से शिक्षा पहुंचा सकता हैं, डर से नहीं।* ☑️
*दरअसल यह मांग ही अनुचित थी…_एक बार सभी शिक्षक साथी अवश्य पढ़े तथा संगठन व अन्य लोगों को प्रसारित करें*✍️👇
1. मांग यह होनी चाहिए थी कि हाफ CL दी जाय क्यो कि कभी अपरिहार्य स्थिति आ गई तो समयानुसार पहुंचने के बाद भी वो अनुपस्थित हो जाएगा….
2. मांग यह होनी चाहिए थी कि प्राकृतिक विपरीत परिस्थितियों में जैसे कुहरा में लो विजिबिलिटी, बारिश या गाड़ी पंचर हो जाने, खराब हो जाने, जाम लगने, रेलवे फाटक के बंद होने की स्थिति में होने वाली देरी के कारण शिक्षक को अनुपस्थित मान लिया जाएगा, इस हेतु उसे कारण प्रस्तुत करने पर अनुपस्थित न माना जाए या कम से कम आधे घंटे तक की देरी को अनुपस्थित न माना जाए।
3. मांग यह होनी चाहिए थी शिक्षको को EL दिया जाय, जिससे शिक्षको को विपरीत परिस्थिति जैसे घर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने के बाद क्रिया कर्म हेतु मेडिकल न लेना पड़े, खुद के विवाह हेतु मेडिकल न लेना पड़े, किसी भी जरूरत में उसे गलत मेडिकल न लेना पड़े क्यों कि ये सब परिस्थिति केवल 20 मई से 15 जून के बीच बताकर तो आयेगी नही..!!!
4. मांग यह होनी चाहिए थी कि शिक्षक को भी आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जब बिना इनकम टैक्स पेयर्स को 10 लाख का बीमा दे रहे हैं तो टीचर्स को भी मुफ्त चिकित्सा और 50 लाख का सामूहिक बीमा तथा एक करोड़ का दुर्घटना बीमा दिया जाय।
5. मांग यह होनी चाहिए थी कि इंचार्ज/हेड कब विद्यालय की सब्जी , फल, दूध या सामान लेगा और मार्केट में देर हुई तो अनुपस्थित न माना जाए।
6. मांग तो यह होनी चाहिए थी कि जब तक हमारे शिक्षको की जायज मांगे नहीं पूरी होती तब तक शिक्षक संघों को मिलने वाली छूट हम नही स्वीकार करेगे। खैर इस मुद्दे पर अपनी राय रख दूं यह छूट सिर्फ विभागीय मीटिंग में प्रतिभाग करने के लिए मात्र है। कब यह व्यवस्था आपके लिए भी खत्म कर दी जाए इसका कोई भरोसा नहीं।
7. महत्वपूर्ण मांग यह भी होनी चाहिए कि प्रत्येक वर्ष अंतर्जनपदी स्थानांतरण एवं जिला स्तरीय स्थानांतरण आवश्यक रूप से किए जाएं और शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षकों की भांति प्राप्त सुविधा और अवकाश उपलब्ध कराए जाएं।
8.
लेकिन हमारी मांग टैबलेट और सिम थी….जो मिल गया है।_
मांग पूरी हो गई शायद इसीलिए उपरोक्त जायज मांगों पर ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश आने के बाद भी किसी समूह के द्वारा कोई मांग नही की गई।
अभी भी समय है संघ/गुट का इगो भुलाकर एकजुट होकर जायज मांग रखी जाय अन्यथा जो सबका होगा वही हमारा भी होगा। लेकिन अच्छा किसी का नही होगा यह तय है।
*अंतिम रूप से एक ही मांग होनी चाहिए की ऑनलाइन अटेंडेंस पूरी तरह अव्यावहारिक और मनमाना आदेश है जिसका पूर्ण विरोध है तत्काल वापस हो, क्योंकि स्कूल शिक्षक के ड्यूटी की तुलना अन्य विभागीय कर्मचारियों से कतई नहीं की जा सकती,जहां उनके खुलने का समय और उनकी लोकेशन जिला, तहसील, ब्लॉक मुख्यालय पर ऑन रोड होती है। जबकि परिषदीय स्कूलों की लोकेशन अति पिछड़ा क्षेत्र ग्रामीण इलाकों एवं दुर्गम क्षेत्रों में होती है। साथ ही टैबलेट से सिर्फ दोपहर 12:00 से दोपहर 2:00 तक विद्यालय की सूचनाओं का आदान-प्रदान भी किया जाए इसके लिए अलग से स्टाफ लेखाकार अथवा क्लर्क की व्यवस्था विभाग करें साथ ही शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षकों की भांति समझौता अनुसार समान कार्य समान वेतन की तर्ज पर सामान सुविधाए उपलब्ध कराई जाए एवं राज्य कर्मचारियों की भांति अवकाश व्यवस्था हो।*