प्रयागराज,। परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में नया सत्र शुरू हुए साढ़े तीन महीने बीतने के बावजूद काफी बच्चे बिना यूनिफॉर्म के स्कूल आ रहे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण है कि कक्षा एक में नवप्रवेशित अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी की 1200 रुपये धनराशि न पहुंचना है। हालांकि एक ऐसी भी शिक्षिका हैं जिन्होंने अपने रुपयों से बच्चों को यूनिफॉर्म सिलवाई है, ताकि स्कूल आने में उन्हें हीनभावना का सामना न करना पड़े।
प्राथमिक विद्यालय करेली की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सबीहा खातून ने उन 25 बच्चों की यूनिफॉर्म सिलवाई है जिनके खाते में रुपये नहीं आए हैं। जिले में दो बार बेस्ट टीचर का पुरस्कार पाने वाली सबीहा फारुकी ने बच्चों के लिए टाई और बेल्ट भी खरीदी है, ताकि उन्हें कॉन्वेंट स्कूल जैसा महसूस हो। स्कूल में कक्षा एक से पांच तक में कुल 112 बच्चे पंजीकृत हैं।
बच्चों की बनाई प्रोफाइल
सबीहा ने अपने स्कूल के सभी बच्चों की प्रोफाइल भी बनाई है। छोटे कार्ड पर बच्चे का नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम और मोबाइल नंबर लिखा होता है। बच्चे अपना नाम खुद पहचानकर उठाते हैं। इसे बच्चा रोज देख कर याद कर सकता है। क्लास रूम में स्मार्ट टीवी और नोटिस बोर्ड भी है। बच्चे वहां पर अपनी आर्ट लगाते हैं। बच्चों के लिए ड्राइंग बुक भी अपने पैसों से खरीद कर दी है।