आम बजट में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की पहल की गई है। क्योंकि, ऐसी शिक्षा का कोई फायदा नहीं, जो केवल बेरोजगारों की फौज तैयार करे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में ऋण के लिए छूट और छात्रों को सीएसआर के तहत इंटर्नशिप जैसी योजनाएं अच्छा कदम है, इससे छात्रों की संख्या उच्च शिक्षा में बढ़ेगी।
नई शिक्षा नीति के तहत कई सुधार किए गए हैं। प्रमुख बात यह है कि शिक्षा और कौशल अब अलग नजरिए से नहीं देखा जा रहा है, बल्कि इसमें साझा दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है।
हालांकि, अभी मांग और आपूर्ति का अंतर बहुत है और आधारभूत ढांचे को लेकर काफी ध्यान देने की जरूरत है। शोध और अनुसंधान पर खास फोकस होना चाहिए। इस मद में खर्च बढ़ाना सकारात्मक कदम है। जीडीपी का कम से कम छह फीसदी शिक्षा पर खर्च करने का लक्ष्य पूरा होना चाहिए। रोजगार के नए क्षेत्रों की मांग के अनुरूप संस्थानों को तैयार करने पर भी ज्यादा फोकस की जरूरत है।