परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू होने के 13 साल बाद 580 अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल होने के बाद 800 से अधिक याचिकाकर्ताओं को नौकरी मिलने की उम्मीद जगी है। इस मामले में शासन के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी से औचित्यपूर्ण प्रस्ताव मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सात दिसंबर 2015 को 1100 याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति का आदेश दिया था। लेकिन, बेसिक शिक्षा विभाग ने 862 याचियों को ही नियुक्ति दी थी। 238 प्रतिवादियों का वकालतनामा न लगा होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने उनको नौकरी नहीं दी। 862 याचिकाकर्ताओं की तर्ज पर उनसे अधिक टीईटी अंक पाने वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में इंप्लीडमेंट एप्लीकेशन डालकर नौकरी की मांग की थी।
24 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इंप्लीडमेंट एप्लीकेशन करने वालों की भी नियुक्ति पर विचार करने का आदेश दिया। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। 24 अगस्त 2016 तक कुल लगभग 60 हजार लोगों ने इंप्लीडमेंट एप्लीकेशन दाखिल कर दी। इस बेसिक शिक्षा विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने में असमर्थता जताते हुए कहा कि कुल 580 लोगों का ही ब्योरा ठीक पाया गया है, शेष लोगों ने दो से अधिक बार आवेदन कर दिया है। किसी-किसी ने टीईटी का अनुक्रमांक नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई 2017 के अंतिम आदेश में 66,655 लोगों की नियुक्ति को सुरक्षित करते हुए मामला समाप्त कर दिया गया था। उधर, 1100 के बचे 238 याची और प्रत्यावेदन के आधार पर अर्ह पाए गए 580 याची कुल 818 बेरोजगार आज भी नौकरी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर लड़ रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से जवाब मांगा है।