OPS / NPS पर बड़े निर्णय के पहले 15 जुलाई को होगी कर्मचारी संगठनो के संग बड़ी बैठक
ओपीएस पर केंद्र सरकार कोई अंतिम निर्णय ले, इससे पहले कर्मचारियों के साथ बैठक की जाएगी। यह बैठक 15 जुलाई को नॉर्थ ब्लॉक में होगी। इस बैठक में वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी के सदस्य मौजूद रहेंगे। कर्मचारियों की तरफ से स्टाफ साइड (नेशनल काउंसिल, जेसीएम) के सचिव शिवगोपाल मिश्रा एवं दूसरे कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि, बैठक में शिकरत करेंगे।
देश में पुरानी पेंशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। ऐसा माना जा रहा है कि ओपीएस को लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान आ सकती है। सूत्रों का कहना है कि कमेटी की रिपोर्ट में ओपीएस जैसी कई बातें शामिल हो सकती हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न कर्मचारी संगठन, कमेटी की बातों से सहमत हैं या नहीं, इसे लेकर सरकार उनसे बातचीत करेगी। संभवतया ओपीएस पर केंद्र सरकार कोई अंतिम निर्णय ले, इससे पहले कर्मचारियों के साथ बैठक की जाएगी। यह बैठक 15 जुलाई को नॉर्थ ब्लॉक में होगी।
इस बैठक में वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी के सदस्य मौजूद रहेंगे। कर्मचारियों की तरफ से स्टाफ साइड (नेशनल काउंसिल, जेसीएम) के सचिव शिवगोपाल मिश्रा एवं दूसरे कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि, बैठक में शिकरत करेंगे। कर्मचारी संगठनों के नेताओं के मुताबिक, ओपीएस पर यह अहम बैठक है।
मार्च 2023 में केंद्र सरकार ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के गठन का मकसद, गैर-अंशदायी और वित्तीय रूप से अस्थिर पुरानी पेंशन प्रणाली पर वापस लौटे बिना, एनपीएस लाभों को बेहतर बनाने के तरीके खोजना था। इस कमेटी में कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष को बतौर सदस्य, शामिल किया गया था।
कमेटी से कहा गया था कि वह नई पेंशन स्कीम ‘एनपीएस’ के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे के संदर्भ में बदलावों की सिफारिश करे। किस तरह से नई पेंशन स्कीम के तहत ‘पेंशन लाभ’ को और ज्यादा आकर्षक बनाया जाए, इस बाबत सुझाव दें। कमेटी, इस बात का ख्याल रखे कि उसके सुझावों का आम जनता के हितों व बजटीय अनुशासन पर कोई विपरीत असर न हो।
जेसीएम ‘स्टाफ साइड’ के सचिव और एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 21 जून को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। इसमें ओपीएस बहाली की मांग की गई है। इससे पहले मिश्रा ने 11 जून को प्रधानमंत्री मोदी को भी एक पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र में आग्रह किया है कि एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मियों की ‘पुरानी पेंशन बहाली’ पर गंभीरता से विचार किया जाए। इनके अलावा, गत वर्ष केंद्र सरकार में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने ‘पुरानी पेंशन’ की मांग को लेकर रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया था।
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने केंद्रीय बजट पेश होने से पहले विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। संगठन के महासचिव एसबी यादव ने घोषणा की है कि 19 जुलाई को सरकारी कर्मचारी, लंच समय के दौरान अपने कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) और स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य भी ‘गारंटीकृत पुरानी पेंशन’ की मांग उठा चुके हैं। एनजेसीए के सदस्य, सी. श्रीकुमार कह चुके हैं कि उन्हें एनपीएस में सुधार मंजूर नहीं है। सरकारी कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन ही चाहिए।