प्रयागराज, परिषदीय प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में अध्ययनरत शहरी क्षेत्र के कक्षा एक-दो के बच्चों को तो साढ़े तीन महीने बाद निशुल्क किताबें मिल गईं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का इंतजार अब तक खत्म नहीं हो सका है। वैसे तो शासन के निर्देश पर मई अंत में प्रकाशकों को एनसीईआरटी आधारित किताबों का वर्कऑर्डर दे दिया गया था और 25 जून से स्कूल खुलने पर जिलेभर के 95 हजार से अधिक कक्षा एक व दो के बच्चों को किताबें उपलब्ध करने की बात कही जा रही थी, लेकिन अब जाकर निशुल्क किताबें स्कूलों में पहुंच सकी हैं।
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने शुक्रवार को शहर के कुछ स्कूलों का दौरा किया तो यह तथ्य सामने आया। कंपोजिट विद्यालय नया कटरा द्वितीय में पंजीकृत कक्षा एक में तीन और दो में 13 बच्चों को गुरुवार को ही किताबें मिली हैं। कक्षा छह से आठ तक की गणित की वर्कबुक भी गुरुवार को वितरण के लिए पहुंची है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बेली रोड के ठीक सामने स्थित कंपोजिट विद्यालय में भी गुरुवार को किताबें आई हैं। समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय मम्फोर्डगंज परिसर स्थित स्कूलों में भी एक दिन पहले एनसीईआटी की नई किताबें मिली हैं। प्रधानाध्यापिका मीनाक्षी मधुरा श्रीवास्तव ने बताया कि किताबों की गुणवत्ता बहुतअच्छी है और कॉन्वेंट स्कूलों की किताबों से भी अच्छी हैं। नगर क्षेत्र के अन्य स्कूलों में भी या तो एक-दो दिन पहले किताबें पहुंची हैं या पहुंचने वाली हैं।
● परिषदीय प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों का हाल
● शहरी क्षेत्र के बच्चों को मिली, ग्रामीण क्षेत्रों में है इंतजार
● एक-दो दिन में नगर क्षेत्र के सभी स्कूलों में पहुंच जाएंगी किताबें
ग्रामीण क्षेत्र बिना किताबों के बच्चे कर रहे पढ़ाई
एनसीईआरटी आधारित कक्षा एक व दो की किताबें अभी ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंची हैं। हमारे कौंधियारा संवाददाता के अनुसार, विकासखंड के 96 परिषदीय विद्यालयों में अभी तक कक्षा एक व दो की किताबों का वितरण नहीं किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी, कौंधियारा अरुण कुमार अवस्थी के अनुसार एक और दो की एनसीईआरटी पुस्तकें शनिवार तक बीआरसी में पहुंच जाएंगी। सोमवार तक सभी विद्यालयों में भेज दिया जाएगा।
यहां भी नहीं पहुंची पुस्तकें
ब्लॉक कौड़िहार के कक्षा एक और दो के बच्चों को अब तक किताबें नहीं मिल पाई हैं। उरुवा संवाददाता के मुताबिक, विद्यालयों में कक्षा एक और दो की किताबें अभी नहीं बंट पाई हैं।