*निसंदेह समय से शिक्षक का विद्यालय पहुंचना आवश्यक है।*
*किंतु*
• *समय से एंबुलेंस का पहुँचना और चिकित्सा भी आवश्यक है।*
• *समय से पुलिस का पहुँचना भी आवश्यक है।*
• *समय से फायरब्रिगेड का पहुंचना भी आवश्यक है।*
• *समय से रेलगाड़ी का चलना भी आवश्यक है।*
• *समय से हवाई जहाज का उड़ना भी आवश्यक है।*
• *समय से रोजगार भी मिलना आवश्यक है।*
• *समय से पदोन्नति, स्थानांतरण , महेंगाई भत्ता, एरियर,चयन वेतनमान भी आवश्यक है।*
• *समय से जनकल्याण की नीतियों का निर्माण भी आवश्यक है।*
• *समय से गरीबी उन्मूलन भी आवश्यक है।*
• *समय से भ्रष्टाचार, आतंकवाद, और अपराध पर अंकुश लगाना भी आवश्यक है।*
*जब भारत को विकसित करने ,नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, उनके मूलाधिकारों का संरक्षण करने के लिए देश के सभी नेता, न्यायमूर्ति ,अधिकारी और कर्मचारी का कार्य समय से करना आवश्यक है तो समय की प्रतिबद्धता का प्रमाण केवल शिक्षकों से ही क्यों मांगा जा रहा है?*
*विद्यालयों मे फ़र्नीचर, किताबें, खाद्यान्न, दूरसंचार नेटवर्क, बिजली की आपूर्ति और कंपोजिट ग्रांट तो आज तक समय से उपलब्ध करा नही पाए और चले शिक्षकों पर उंगली उठाने…*
*याद रखिये धनानंद से अपने अपमान से बदला लेने के लिए, उसके सम्राज्य को ध्वस्त करने के लिए एक ही चाणक्य पर्याप्त था किंतु आज तो चाणक्यों की संख्या 6 लाख से भी अधिक है।*
*जय शिक्षक, जय भारत*