नीट यूजी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक और अनियमितता मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त है। सोमवार को इस मामले से जुड़ी 30 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और सीबीआई से कई सवाल पूछे। कोर्ट ने माना कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। अगर परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, सोशल मीडिया से प्रश्नपत्र को प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा का आदेश हो सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
नीट यूजी परीक्षा पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए ये भी कहा कि अगर परीक्षा प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और अन्य माध्यमों से फैला है तो ये जंगल में आग जैसा है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। अगर हम दोषियों की पहचान नहीं कर पाते हैं तो पुन:परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। अदालत ने ये भी कहा कि पेपर लीक का प्रभाव कितना था, इसी आधार पर दोबारा परीक्षा का निर्णय होगा। अदालत ने सरकार से कहा कि परीक्षा को लेकर क्या हुआ, इसे नकारा नहीं जा सकता। मान लीजिए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करना चाहती है, लेकिन वह प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसका लाभ लेने वालों की पहचान कैसे करेगी? अदालत ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने पर विचार करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
केंद्र और एनटीए ने विरोध जताया: सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को रद्द करने से जुड़ी याचिकाओं का केंद्र सरकार और एनटीए ने विरोध किया। दोनों पक्षों ने कोर्ट को बताया कि कथित कदाचार के मामले अलग-अलग हैं। परीक्षा रद्द करने से लाखों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। इसलिए परीक्षा रद्द करने की जरूरत नहीं है। वहीं याचिकाकर्ताओं ने कहा, प्रश्नपत्र लीक होने से परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है।
नीट-यूजी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ, इस पर कोई सवाल नहीं है। हम अनियमितता का प्रभाव जानना चाहते हैं। बहुत से संदेह हैं- जैसे 67 छात्रों को 720 में 720 अंक मिले। हम जानना चाहते हैं कि पेपर लीक से कितने लोगों को फायदा हुआ, केंद्र ने इनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की है। कितने गलत लोगों का रिजल्ट रोका गया, इनका भौगोलिक विवरण क्या है। -सुप्रीम कोर्ट
जांच रिपोर्ट साझा करे सीबीआई
● प्रश्नपत्र लीक की सूचना सबसे पहले कब मिली, इसका पूरा विवरण साझा करें और लीक के साधन की भी पूरी जानकारी दी।
● सीबीआई के अधिकारी जांच की त्वरित रिपोर्ट अदालत में पेश करें, बताएं कि जांच कहां तक पहुंची है। अब तक उन्होंने क्या पाया है गुरुवार को इसकी जानकारी दें।
याचिकाकर्ता अपना पक्ष रखें
● याचिकाकर्ताओं के वकील जो दोबारा परीक्षा की दलील दे रहे हैं वे दस पृष्ठ में अपना पक्ष गुरुवार से पहले कोर्ट में जमा कराएं।