प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के समायोजन/ स्थानांतरण प्रक्रिया में नित नई याचिकाएं शिक्षकों की ओर लगाई जा रही हैं। अभी समायोजन प्रक्रिया में 30 जून के नामांकन पर सरप्लस बताने का विरोध कर 30 जुलाई के नामांकन पर समायोजन की मांग पर शिक्षक हाई कोर्ट गए थे।
इसके अलावा वरिष्ठ को समायोजित किए जाने को लेकर भी याचिका लगी। अब वह शिक्षक हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर चुके हैं, जनके विद्यालय विस्तारित नगरीय लोमा के कारण ग्रामीण क्षेत्र से नगर सत्र में आ गए हैं, लेकिन मानव पदा पोर्टल पर ग्रामीण क्षेत्र में ही प्रदर्शित हो रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी के निर्देश पर उन शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया 13 अगस्त से शुरू की गई है, जो छात्र संख्या के अनुपात में सरप्लस हैं। समायोजन सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों से ग्रामीण क्षेत्र में ही किया जाना है। यहां एक विसंगति वर्ष 2019
से 2022 के बीच हुए नगर सीमा विस्तार के कारण ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र में आए विद्यालयों को मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट नहीं किए जाने से हो गई है।
22 फरवरी 2024 को तत्कालीन परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने नगर क्षेत्र में आए ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की सूची प्रदेश के सभी बीएसए से मांगी थी, लेकिन पोर्टल पर वह विद्यालय अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में प्रदर्शित हो रहे हैं। पोर्टल पर ग्रामीण क्षेत्र में प्रदर्शित होने के कारण नगर क्षेत्र के इन विद्यालयों के शिक्षकों की गणना ग्रामीण क्षेत्र में कर समायोजित किए जाने की तैयारी है। मामले पर उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बटव का कहना है कि नगर सीमा विस्तार के कारण ग्रामीण संवर्ग के वे विद्यालय नगर निगम व नगर पालिका क्षेत्र में आ चुके हैं और वहां एमडीएम का संचालन पार्षद व सभासद द्वारा कराया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ इन विद्यालयों के अध्यापकों को ग्रामीण संवर्ग का शिक्षक मानकर समायोजन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे शिक्षकों को नगरीय संवर्ग में शामिल किया जाए, उसरे बाद समायोजन किए जाने पर नगर में शिक्षकों की कमी की समस्या से भी निजात मिल जाएगी और सरप्लस की सूची भी घट जाएगी।