लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती को हाई कोर्ट में चुनौती देने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग के अफसरों को पत्र भेजकर समझौता करने की पहल की है। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह का दावा है कि भर्ती में 4000 याचिकाकर्ताओं को समायोजित कर दिया जाए तो चयनितों को हटाने की जरूरत नहीं होगी।
नेताओं की ओर से जारी विज्ञप्ति में लिखा कि शुक्रवार को आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने प्रमुख बेसिक शिक्षा सचिव डा. एमकेएस सुंदरम, महानिदेशक कंचन वर्मा, बेसिक शिक्षा सचिव सुरेंद्र तिवारी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह व मुख्यमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव भास्कर पांडेय, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्रवण बघेल को पत्र, ईमेल व वाट्स एप भेजा है। वे भर्ती में आरक्षण घोटाले की लड़ाई चार साल से लड़ रहे हैं और आखिरकार उन्हें 13 अगस्त को न्याय मिला, हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को शिक्षक भर्ती की एक जून 2020 की चयन सूची को रद करके दोबारा चयन सूची बनाने का आदेश
दिया है, ऐसी स्थिति में हजारों की संख्या में चयनित अभ्यर्थी सहायक शिक्षक भर्ती से बाहर होंगे, सरकार व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी चाहें तो हाई कोर्ट में आरक्षण घोटाले का केस लड़ने वाली टीम विवादित मामले पर समझौता कर सकती है, सरकार को समझौता करने के लिए 10 दिन का समय भी दे रहे हैं। विज्ञप्ति में लिखा है कि वह चाहते हैं कि किसी भी वर्ग का अहित ना हो, ऐसी स्थिति में हाई कोर्ट में लगभग 4000 आरक्षण पीड़ित याचिकाकर्ताओं को समायोजित करके मामले का पटाक्षेप किया जा सकता है। सरकार यदि समझौता नहीं करती तो प्रकरण सुप्रीम कोर्ट जाएगा, इससे बचने के लिए विवादित मामले का सरकार समझौता करके बीच का रास्ता निकाल सकती है।