लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा है कि शनिवार को केंद्रीय कर्मचारी संगठनों की प्रधानमंत्री के साथ बैठक से काफी उम्मीद थी। सभी संगठनों को पुरानी पेंशन योजना पर बड़ा फैसला आने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने फिर से निराश किया है। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस), ओपीएस की बराबरी नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा है कि यह पहले ही से तय था कि सरकार एनपीएस में सुधार करेगी व अंतिम वेतन आहरण का 50% पेंशन के रूप में देगी। यूपीएस में सरकार ने यही किया है। यूपीएस में 25 साल की सेवा जरूरी की गई है जबकि ओपीएस में 20 साल में ही कर्मचारी पूरी पेंशन का हकदार हो जाता है। केंद्र सरकार को यूपीएस में विकल्प खोलने के बजाय ओपीएस में विकल्प खोलने पर विचार करना चाहिए। –
वहीं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा घोषित यूपीएस का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षकों-कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। ब्यूरो