परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों के समायोजन और स्थानांतरण
का कार्य अब 11 सितंबर के बाद होगा। इस दौरान बेसिक शिक्षा परिषद छात्र शिक्षक अनुपात के आधार पर शिक्षकों की सूची तैयार करेगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि स्थानांतरण से पूर्व संबंधित अध्यापक से आपत्ति मांगी जाएगी तथा उसके निस्तारण के बाद ही स्थानांतरण किया जाएगा। .
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने गुरुवार को हाई कोर्ट के निर्देश पर हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी। नीरजा और 50 अन्य अध्यापकों की याचिका पर न्यायमूर्ति एस सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। याचीगण का पक्ष रख रहे अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा सचिव ने हाईकोर्ट के निर्देश पर हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें सचिव ने बताया कि परिषद् ने स्वयं निर्णय लिया है कि समायोजन का कार्य 11 सितंबर के बाद होगा। बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से इस आशय का हलफनामा दाखिल किए जाने के बाद कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि नियत की है।
इससे पूर्व कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल कर बताने के लिए कहा था कि समायोजन की प्रक्रिया इतनी जल्दबाजी में क्यों की जा रही है। क्योंकि याची के अधिवक्ता का कहना था की पूरी प्रक्रिया के लिए सिर्फ 6 सप्ताह की समय सीमा तय की गई है। इतने कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा करना समय संभव नहीं है। और ऐसा करने से तमाम विसंगतियां पैदा होगी। कोर्ट ने इस मामले में सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई तक के लिए स्थानांतरण पर रोक लगा दी थी।