अमृत विचार : सरकारी परिषदीय
स्कूलों में प्रत्येक कक्षा में 80 बच्चे निपुण होने पर ही स्कूल निपुण घोषित होगा। निपुण बनाने के लिए 75% से अधिक छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। जबकि निपुण बनाए जा रहे स्कूलों के अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ प्रेरणा पोर्टल से ऑनलाइन कार्रवाई की जाएगी। जिले में 1788 परिषदीय विद्यालयों में से 1678 ऐसे स्कूल है जो निपुण बनने की श्रेणी में नहीं आ रहे हैं। इन स्कूलों में 75 फीसदी से कम उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने निपुण विद्यालय बनाए जाने की योजना शुरू की है। शैक्षिक सत्र में डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से अक्टूबर 2024, दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 में आंकलन करने के बाद विद्यालयों के प्रत्येक कक्षा के 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे निपुण पाए जाने पर ही निपुण स्कूल घोषित किया जाएगा। इसके बाद डीएम की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक होगी। इसमें जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की निपुण विद्यालय
बनाए जाने के लिए निर्धारित समय सीमा में कार्रवाई की जाएगी। जिला समन्वयक प्रशिक्षण अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया इस प्रगति को प्राप्त करने के लिए चार दिन का शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के बाद यह को दो मास्टर ट्रेनर जिले के सभी एआरपी प्रशिक्षण दिए हैं। साथ ही एआरपी घंटे प्रत्येक ब्लॉक के यूनिक विद्यालयों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करेंगे। साथ ही सपोर्ट असेसमेंट एवं प्रेरणा बता दें कि परिषदीय स्कूलों को निपुण बनाने के लिए 75 प्रतिशत से अधिक छात्र उपस्थिति अनिवार्य है। लेकिन इन विद्यालयों के अगर शिक्षक अनुपस्थित मिलते हैं तो इनके खिलाफ प्रेरणा पोर्टल से ऑनलाइन कार्रवाई की जाएगी।