मीरगंज। प्राथमिक विद्यालय
किशुनदासपुर का जर्जर भवन बुधवार शाम चार बजे अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। स्कूल बंद होने के दो घंटे के बाद भवन गिरने से बच्चे और शिक्षक बाल-बाल बचे। भवन गिरने से हुई तेज आवाज के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक को सूचना दी। इतनी बड़ी घटना में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। प्रधानाध्यापक के सूचना देने और अमर उजाला में दो दिन पहले विद्यालय के भवन में आई दरार खबर छपने के बाद भी प्रशासन का कोई अधिकारी स्कूल देखने नहीं पहुंचा।
मछलीशहर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय किशुनदासपुर में 2006 में गुबंदनुमा भवन का निर्माण कराया गया था।
स्कूल में 75 बच्चे पंजीकृत हैं यहां तीन सहायक अध्यापक और दो शिक्षा मित्र सेवा दे रहे हैं। कुछ
दिन पहले स्कूल भवन के मुख्य भवन की दीवार में बड़ी दरार उभर कर आ गई थी, इसके बाद प्रधानाध्यापक बृजभान सिंह ने इसकी सूचना बीईओ मछलीशहर और उच्च अधिकारियों को लिखित रूप से दी थी।
खबर अमर उजाला ने 20 अगस्त के अंक में इस मुद्दे को प्रमुखता से स्थान दिया था। तब मछलीशहर के नवागत बीईओ अमरदीप जायसवाल ने स्कूल भ्रमण करने की बात कही थी लेकिन दो दिन में स्कूल देखने नहीं पहुंचे। तभी बुधवार शाम चार बजे अचानक पूरा भवन ढह गया। भवन
ढहने के बाद तेज आवाज आने के बाद ग्रामीण भाग कर पहुंचे। प्रधान शिव कुमार गुप्ता मौके पर पहुंचकर प्रधानाध्यापक बृजभान सिंह को सूचना दी। प्रधानाध्यापक बृजभान सिंह ने बताया कि उन्होंने बीईओ मछलीशहर को फोन से सूचना दे दी। उन्होंने निर्देश दिया कि स्कूल की कक्षा बगल के प्राथमिक विद्यालय गोधना में चलेगी। कोट
प्रधान शिवकुमार गुप्ता ने कहा लाख लाख शुक्र है कि स्कूल बंद होने के बाद हादसा हुआ। स्कूल के वक्त यह होता तो शायद ही कोई बचता। अधिकारियों को पहले ही घटना की सूचना देकर नया भवन बनाने के लिए कई बार लिखा गया, पर कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया।
बीईओ जवाब नहीं दे पाए
बीईओ मछलीशहर अमरदीप जायसवाल का कहना है कि भवन जर्जर होने के बाद स्कूल को अन्यत्र चलाया जा रहा था। जब उनसे पूछा गया कि जर्जर भवन की सूचना पर आप भ्रमण करने क्यों नहीं गए तो वह जवाब नहीं दे पाए