हरदोई। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लगभग पांच से छह सौ शिक्षकों में किसी का एक तो किसी का दो दिन का वेतन एक साल से रुका है। वेतन जारी कराने के लिए शिक्षक विभाग के चक्कर काट रहे हैं। शिक्षक संघों ने इस मामले में आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिले में तैनात परिषदीय विद्यालयों के नियमित निरीक्षण करने के लिए टास्क फोर्स, विभागीय अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी लगाए गए है। जिनको प्रतिमाह विद्यालयों का निरीक्षण करना होता है। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में विभागीय कार्यों को पूरा न करने व अनुपस्थित मिलने पर शिक्षकों के खिलाफ उस दिन का या कार्य पूरा न होने तक वेतन रोकने की संस्तुति की जाती है। उसी के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से वेतन रोका जाता है।
विभागीय नियमानुसार, इस संबंध में शिक्षक अपना स्पष्टीकरण खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराते हैं। उसी के आधार पर शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया जाता है। विभागीय आंकड़ों की मानें तो विगत एक वर्ष में जिले में करीब पांच से छह सौ शिक्षकों का एक दिन व दो दिन का वेतन रुका चल रहा है। जो जारी नहीं हुआ। इससे शिक्षक परेशान हैं।
शिक्षकों के वेतन के संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी से वार्ता की जा चुकी है और उनसे वेतन जारी करने के लिए कहा गया है। संघ का प्रतिनिधि मंडल फिर बीएसए से मिलेगा और शिक्षकों का वेतन जारी कराएगा। अगर वेतन जारी नहीं होता है, तो संघ आगे की रणनीति बनाकर कार्य करेगा।
शिव शंकर पांडेय, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
70 से 80 प्रतिशत दे चुके हैं स्पष्टीकरण
शिक्षकों ने वेतन जारी करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से स्पष्टीकरण विभाग को भेज दिया है। मगर इसके बावजूद अभी तक वेतन जारी नहीं हुआ है। अगर शिक्षकों का रुका वेतन जारी नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जाएगा।
– सुनीता त्यागी, जिलाध्यक्ष जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
संतोषजनक उत्तर मिलने पर होता है वेतन जारी
शिक्षकों के खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई के बाद उनको स्पष्टीकरण देना होता है। स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर वेतन जारी नहीं हो सकता है। कई शिक्षक एक से अधिक बार अनुपस्थिति हैं। उन पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश उच्चाधिकारियों के हैं। इस कारण वेतन रुका हुआ है।
– विजय प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी