लखनऊ,। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए नई नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। नई नीति में आकांक्षात्मक जनपदों में विश्वविद्यालयों की स्थापना पर अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान होना चाहिए। इसे प्राथमिकता दें। साथ ही कहा है कि ऐसी व्यवस्था करें ताकि एक जिला एक विश्वविद्यालय की योजना को साकार किया जा सके। मुख्यमंत्री मंगलवार को उच्चशिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते सात वर्षों में सतत प्रयासों से प्रदेश में एक मंडल-एक विश्वविद्यालय की परिकल्पना पूरी हो चुकी है। सभी 18 मंडलों में विश्वविद्यालयों की स्थापना हो चुकी है। कई मंडलों में निर्माण कार्य जारी है। मंडलों के बाद अब हमारा लक्ष्य एक जिला-एक विश्वविद्यालय का होना चाहिए। वर्तमान में 35 जनपदों में विश्वविद्यालय की उपलब्धता है, शेष असेवित जिलों में विश्वविद्यालयों के लिए निजी क्षेत्र बड़ा सहयोगी बन सकता है। उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र के वित्तपोषण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह हमारे उद्देश्यों की पूर्ति में पूरक भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को देखते हुए, निजी निवेश उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के सरकारी प्रयासों में सहायक हो सकता है। इससे छात्रों के लिए उपलब्ध संस्थानों, पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या में वृद्धि होगी। साथ ही यह शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रयासों में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के सबसे युवा राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा में एक विशेष स्थान रखता है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश की ग्रास एनरोलमेंट रेट 25.6 फीसदी है, जिसे 2035 तक 50 तक बढ़ाना आवश्यक है। निजी निवेश प्रोत्साहन नीति इस अंतर की पूरा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में निजी निवेश अनिवार्य जरूरत है। अन्य राज्यों की संबंधित नीति का अध्ययन करें। स्टेकहोल्डर्स से संवाद करें और यथाशीघ्र उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति तैयार कर प्रस्तुत करें। नई नीति में निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी में छूट, कैपिटल सब्सिडी आदि प्रोत्साहन को यथोचित स्थान दें। टॉप रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों के कैंपस के प्रस्ताव पर भी विशेष प्रोत्साहन प्रावधान रखें।