आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि खत्म होते ही अब रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपनी देनदारी से अधिक टैक्स चुकाने वाले करदाता ही रिफंड प्राप्त करने के हकदार हैं लेकिन इसके जरिए जरूरी है कि वे रिटर्न दाखिल करने के 30 दिन के भीतर उसे ई-सत्यापित करें। इसके बाद ही विभाग रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
अगर करदाता ई-सत्यापन से चूक जाते हैं तो रिफंड का दावा खारिज हो जाएगा। आईटीआर का ई-सत्यापन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है। करदाता जिस तारीख को आईटीआर को ई-सत्यापित करता है, उसी तारीख से रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आमतौर पर सत्यापन की तारीख से पैसा आने में 15 दिन से लेकर 2 महीने तक का समय लग सकता है। यदि रिटर्न में गड़बड़ है तो रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती हैं। ऐसे मामलों में संशोधित रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है।
अगर विलंब हो जाए तो…
● सबसे पहले अपना ई-मेल जांचें। आयकर विभाग रिफंड या किसी तरह की कोई अतिरिक्त जानकारी ई-मेल के जरिए भेजता है।
● रिफंड दावा खारिज हो गया है तो करदाता रिफंड जारी करने के लिए दोबार अनुरोध कर सकते हैं।
● यदि दावा लंबित है तो पोर्टल पर इसके शीघ्र निपटारे के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
इन वजहों से देरी संभव
1. बैंक खाते का गलत विवरण दर्ज हो
2. बैंक खाते पूर्व सत्यापित न हो
3. आईटीआर में सही जानकारी न हो
4. आईटीआर की स्क्रूटनी हो
5. करदाता पर पिछली कर देनदारी हो
6. आय की गणना में गड़बड़ी हो