मानवीय गलतियां होंगी खत्म, कर्मचारियों का सटीक रिकॉर्ड बन सकेगा
लखनऊ। राज्य कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि खातों (जीपीएफ) का रखरखाव ऑनलाइन होगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया है। इससे कर्मचारियों का जीपीएफ रिकॉर्ड सटीक बनेगा और रिटायरमेंट के समय बेवजह का विलंब नहीं होगा। समूह ‘घ’ के अतिरिक्त राज्य कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों का रखरखाव महालेखाकार करते हैं। जीपीएफ खातों की पासबुक का रखरखाव संबंधित विभागाध्यक्ष करते हैं। जीपीएफ खातों को महालेखाकर कोषागारों से हर महीने
प्राप्त होने वाले जीपीएफ शेड्यूल के आधार पर अपडेट किया जाता है। वित्त वर्ष के अंत में लेखा पर्ची जारी की जाती हैं, जो महालेखाकर की वेबसाइट पर भी होती हैं। ये प्रक्रिया मैनुअल है और इसमें मानवीय भूल का खतरा रहता है।
कार्यालयों में रखी पासबुक और महालेखाकार ऑफिस के खातों के आंकड़ों में अंतर बना रहता है। इससे रिटायरमेंट के समय बेवजह की देरी होती है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि महालेखाकार कार्यालय द्वारा रखे जाने वाले सामान्य भविष्यनिधि खातों के रखरखाव के चरणबद्ध
रूप से ऑनलाइन कर दिया जाए। इसमें सेंट्रल ट्रेजरी सर्वर के डीडीओ पोर्टल से जीपीएफ खातों के लेनदेन का डाटा महालेखाकार को ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा।
सेवाकाल के दौरान सालाना लेखा-पर्ची और रिटायरमेंट के समय जीपीएफ खातों में उपलब्ध बची राशि के 90% मिलान पत्र और शेष 10% के अंतिम भुगतान संबंधी पत्र को महालेखाकार ऑनलाइन अपलोड करेंगे। ये आहरण एवं वितरण अधिकारी को ऑनलाइन ही मिल जाएगा। कोषवाणी पोर्टल से संबंधित कर्मचारी द्वारा अपने पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी के जरिये अपलोड किया जा सकेगा
राज्य कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि खातों का ऑनलाइन प्रणाली द्वारा रखरखाव सम्बन्धी निर्देश..👆