सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांदा जिला सहकारी बैंक की ओर से शिक्षकों से ऋण वसूली करने का आदेश देने और फिर उसे निरस्त करने पर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट की ओर से 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट सूची नए सिरे से बनाने का आदेश दिए जाने के बाद सहकारी बैंक ने शिक्षकों से ऋण वसूली का आदेश दे दिया। यह शर्मनाक है। युवाओं के आक्रोश के कारण यह आदेश एक दिन भी नहीं टिक सका और एक ही दिन में ऋण वसूली के आदेश को रद करना पड़ा। प्रदेश की भाजपा सरकार य काम दबाव में कर रही है।
सपा प्रमुख ने कहा कि युवा
शिक्षकों को इस आदेश को रद नहीं, स्थगित मानकर इसका भरपूर विरोध जारी रखना चाहिए। भर्ती हुए जिन शिक्षकों ने अपने घर-परिवार और बाकी सामान के लिए नौकरी की निरंतरता की उम्मीद पर कुछ ऋण लिया था, अब सरकार उनके घरों और सामान को कब्जे में लेने की साजिश कर रही है।