हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद को आदेश दिया है कि वह वर्ष 2018 में शुरू की गई प्रक्रिया के तहत के 27,713 पदों के सम्बन्ध में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) कराने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
न्यायालय ने कहा है कि यदि इस सम्बन्ध में कोई कानूनी बाधा न हो तो एटीआरई कराने का निर्णय दो माह के भीतर लिया जाए, साथ ही न्यायालय ने मामले में अपील दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा सम्बन्धी लाभ दिये जाने पर भी विचार करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि यदि एटीआरई कराने में कोई बाधा हो तो इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी अखबारों में प्रकाशित कराई जाए ताकि अभ्यर्थियों को पता चल सके कि उक्त परीक्षा क्यों नहीं कराई जा रही है।
यह निर्णय न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अलोक कुमार व अन्य समेत दर्जनों विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। उक्त अपीलें एकल पीठ के वर्ष 2018 के उस आदेश के विरुद्ध दायर की गई थीं जिसमें एकल पीठ ने एटीआरई 2018 के न्यूनतम अंक को सामान्य व आरक्षित वर्ग के लिए क्रमश: 45 व 40 बरकरार रखने का आदेश दिया था।
68500 बेसिक सहायक अध्यापक के अवशेष सीटों को भरने संबंधित माननीय उच्च न्यायालय का आदेश
👉 बचे हुए 27713 पदों पर दो महीने में सरकार फैसला ले और ATRE मतलब अस्सिटेंट टीचर रिक्रूटमेंट एक्जाम कराकर पद भरे।
👉 पुराने अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट दी जाए।
स्पेशल अपील 68500 संबंधित आदेश का सार यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार अथवा बेसिक शिक्षा परिषद 68500 भर्ती से रिक्त 27713 पदों को भरने के लिए 2 माह के भीतर ATRE परीक्षा कराए। अगर इन पदों को भरने की कोई कानूनी बाधा हो तो कारण सहित दो समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए।
अपील के याची अगर ओवर एज हो रहे हो तो उन्हें ATRE परीक्षा में शामिल होने की छूट दी जाए।
आर्डर के पॉइंट नंबर 33
के अनुसार शिक्षामित्रों क़ो भारांक भी दिया जाना है
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