भारत में निवेश के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें से एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) और पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) दो प्रमुख योजनाएं हैं। दोनों योजनाएं निवेशकों को लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने का वादा करती हैं, लेकिन कौन सी योजना आपको जल्दी करोड़पति बना सकती है? आइए, इसका पूरा कैलकुलेशन समझते हैं।
एनपीएस एक सरकारी योजना है जो निवेशकों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें निवेशक को हर महीने या सालाना एक निश्चित राशि जमा करनी होती है। एनपीएस में निवेश की गई राशि को विभिन्न इक्विटी और डेट फंड्स में निवेश किया जाता है, जिससे अच्छा रिटर्न मिलता है।
एनपीएस के फायदे:
1. उच्च रिटर्न: एनपीएस में इक्विटी और डेट फंड्स में निवेश किया जाता है, जिससे लंबी अवधि में उच्च रिटर्न मिलता है।
2. टैक्स बेनिफिट: एनपीएस में निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
3. लचीलापन: निवेशक अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार इक्विटी और डेट फंड्स का चयन कर सकते हैं।
एनपीएस का कैलकुलेशन:
मान लीजिए, आप हर महीने ₹10,000 एनपीएस में निवेश करते हैं और आपको औसतन 10% का वार्षिक रिटर्न मिलता है। 30 साल बाद आपका कुल निवेश ₹1,20,000 प्रति वर्ष होगा और 30 साल में यह राशि ₹36,00,000 हो जाएगी। 10% के वार्षिक रिटर्न के साथ, 30 साल बाद आपका कुल फंड लगभग ₹2.3 करोड़ हो जाएगा।
पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)
पीपीएफ एक लंबी अवधि की निवेश योजना है जो सरकार द्वारा समर्थित है। इसमें निवेशक को हर साल एक निश्चित राशि जमा करनी होती है और इस पर एक निश्चित ब्याज दर मिलती है। पीपीएफ में निवेश की गई राशि पर टैक्स छूट मिलती है और यह पूरी तरह से सुरक्षित निवेश है।
पीपीएफ के फायदे:
1. सुरक्षित निवेश: पीपीएफ सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
2. टैक्स बेनिफिट: पीपीएफ में निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है और ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता।
3. लंबी अवधि का निवेश: पीपीएफ की अवधि 15 साल होती है, जिसे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
पीपीएफ का कैलकुलेशन:
मान लीजिए, आप हर साल ₹1,50,000 पीपीएफ में निवेश करते हैं और आपको औसतन 7.1% का वार्षिक ब्याज मिलता है। 15 साल बाद आपका कुल निवेश ₹22,50,000 होगा और 7.1% के वार्षिक ब्याज के साथ, 15 साल बाद आपका कुल फंड लगभग ₹40,68,209 हो जाएगा। अगर आप इसे 30 साल तक जारी रखते हैं, तो आपका कुल फंड लगभग ₹1.5 करोड़ हो जाएगा।
निष्कर्ष
एनपीएस और पीपीएफ दोनों ही योजनाएं निवेशकों को लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने का वादा करती हैं। हालांकि, एनपीएस में इक्विटी और डेट फंड्स में निवेश के कारण उच्च रिटर्न की संभावना होती है, जिससे आप जल्दी करोड़पति बन सकते हैं। वहीं, पीपीएफ एक सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प है, जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देता है।
आपकी निवेश योजना का चयन आपकी जोखिम क्षमता, निवेश की अवधि और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। इसलिए, निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।