मिर्जापुर। जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की कम उपस्थिति को लेकर विभागीय प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है।
विभिन्न योजनाओं के तहत हो रही ऑनलाइन निगरानी में जिले के 1809 में से 367 परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 60 प्रतिशत से भी कम पाई गई है। इस पर संबंधित प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मध्याह्न भोजन योजना के पोर्टल पर अगस्त माह की रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि छानबे ब्लॉक के महोखर में 53.49 प्रतिशत बच्चों की ही उपस्थिति है। इसी प्रकार छानबे के ही बसेवरा कला में बच्चों की उपस्थिति मात्र 37.38 प्रतिशत दर्शाई गई है।
स्कूल महानिदेशक के पत्र में उपस्थिति 75 प्रतिशत करने को कहा गया है, लेकिन जिले में कई
विद्यालयों में अब भी उपस्थिति 20 21 प्रतिशत है। सिटी ब्लॉक के लक्षापट्टी में यह बच्चों की उपस्थिति 21.53 प्रतिशत है।
बीएसए अनिल कुमार वर्मा ने यूपी एमडीएम की वेबसाइट से प्राप्त ऑनलाइन रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों को उपस्थिति बढ़ाने के लिए कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि इसके बाद भी बच्चों की उपस्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ तो संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्याप, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशक के खिलाफ कार्रवाई की
जाएगी।
बीएसए ने बताया कि निपुण भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विद्यालयों में बच्चों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। सीएम डेस बोर्ड पर निपुण परीक्षा आकलन, पीएम पोषण विद्यालय निरीक्षण एवं मध्याह्न भोजन, विद्यार्थियों को उपस्थिति पोर्टल पर प्रतिदिन प्रदर्शित होती है।
बच्चों की कम उपस्थिति से जिले की रैंकिंग भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने अध्यापकों से अभियान चला कर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया है।