प्रतापगढ़। प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों के बाहर करने के बाद कॉलेजों में दाखिले की संख्या घटना शुरू हो गई है। अधिकांश कॉलेजों में 50 सीट भी भरना मुश्किल हो रहा है। सीट भरने के लिए कॉलेजों ने नई तरकीब का प्रयोग किया है। आधी फीस जमा करने पर दाखिले के प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
जनपद में 60 बीएड कॉलेज संचालित हो रहे हैं। एमडीपीजी, ढिदुई और कालाकांकर राजकीय सीटें है। इन तीन कॉलेजों में अच्छी रैंक पाने वाले अभ्यर्थी दाखिला ले रहे हैं। बीएड की काउंसलिंग शुरू होने के
बाद कॉलेज आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। दो राउंड कांउसलिंग के बाद सीधे दाखिला लेने की अनुमति भी कॉलेजों को दी गई है। मगर, सीधे दाखिला प्रक्रिया में उन्हीं अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा। जिन्होंने बीएड प्रवेश परीक्षा दी थी।
प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों की आने वाली भर्तियों से बीएड विद्यार्थियों को वंचित कर दिया है। यही कारण है कि बीएड का क्रेज घटने के साथ डीएलएड में
प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने से घट गया दाखिला
भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। स्नातक उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों ने बीएड प्रवेश परीक्षा दे दी है। मगर, उनको डीएलएड प्रवेश के आवेदन का इंतजार है। वहीं बीएड की सीटों को भरने के लिए कॉलेजों ने प्रति सेमेस्टर के साथ आधी फीस जमा करने का लाभ विद्यार्थियों को दे रहे हैं। दो साल की पढ़ाई में करीब 81250 रुपये शुल्क जमा करना होता है।
प्रत्येक बीएड कॉलेजों में 100- 100 सीटें आवंटित है। पीबीपीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अमित श्रीवास्तव ने बताया कि दो सालों से बीएड में दाखिला कम हो गया है। डीएलएड में अधिक लिया जा रहा है।