69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने लगातार तीसरे दिन अपना प्रदर्शन जारी रखा है। एक दिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दूसरे दिन मंत्री आशीष पटेल के यहां प्रदर्शन के बाद बुधवार को उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी वहां धरने पर बैठ गए हैं। इसके साथ ही हाई कोर्ट लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन किए जाने मांग को लेकर आशीष पटेल के घर के सामने भी धरने पर बैठे हैं। बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यार्थी यहां जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया है सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें। उससे पहले दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें। जिससे भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरा किया जा सके।
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है।
लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है।
पटेल ने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है।