लखनऊ: डाक विभाग की लोकप्रिय सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक परिवार में दो ही खाते खोले और चलाए जा सकेंगे। यदि दो से अधिक खाते खोले गए हैं तो उन्हें बंद करना होगा। अभिभावक स्वतः नहीं बंद करेंगे तो विभाग इसे बंद कर देगा। अगर दादा-दादी या नाना-नानी व अन्य रिश्तेदारों की संरक्षकता में खाते खोले गए गए हैं तो उन्हें संरक्षक का दायित्व बच्ची के माता-पिता को हस्तांतरित करना होगा। विभाग ने सभी डाकघरों को यह निर्देश गंभीरता से लागू करने के
सुकन्या समृद्धि योजना वर्ष लिए कहा है। 2015 में शुरू की गई थी। इसके तहत जन्म से 10 वर्ष तक की बेटियों के माता-पिता व कानूनी संरक्षक बच्ची के नाम से खाता खोल सकते हैं। लखनऊ परिक्षेत्र में अब तक 5.60 लाख से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। यदि किसी माता-पिता की दूसरी बेटी जुड़वा होती हैं तो ही तीन बेटियों के खाते खोले जा सकते हैं। कई परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने दो से अधिक खाते खोले हैं। अब विभाग इनकी जांच कर रहा है। डाक विभाग, मुख्यालय, परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल सुनील कुमार राय ने सभी डाकघरों को निर्देश दिए हैं कि वे खाताधारकों के अभिभावकों का पैन और आधार विवरण सिस्टम में फीड करें।
250 रुपये से खोल सकते हैं खाता : इस योजना के तहत केवल 250 रुपये से खाता खोला जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में 250 रुपये से अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है। इस खाते की अवधि 21 वर्ष है, जिसमें शुरू के 15 वर्ष ही खाते में पैसे जमा करने होते हैं। बिटिया की उच्च शिक्षा व अन्य कारणों से इस अवधि के पहले भी धनराशि निकाली जा सकती है। इसमें 8.2 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। 18 वर्ष पूरे होने पर बेटी केवाईसी कराकर स्वयं खाता संचालित कर सकती है।
ऐसा संज्ञान में आया है कि बहुत से परिवारों में में दो से अधिक खाते चलाए जा रहे हैं, उन्हें बंद करना होगा। किसी रिश्तेदार ने बच्ची के नाम से खाते खोले हैं तो उन्हें संरक्षक दायित्व माता- पिता को ट्रांसफर करना होगा। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि धनराशि के भुगतान में समस्या न हो।
सुनील कुमार राय, पोस्ट मास्टर जनरल, मुख्यालय परिक्षेत्र