आगरा के परिषदीय स्कूलों में विकास कार्यों की वास्तविकता किरावली के भवनपुरा कंपोजिट विद्यालय में देखी जा सकती है, जहां पिछले 10 दिनों से परिसर में गंदा पानी भरा है। बच्चे टॉयलेट और पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। चार कमरों में आठ कक्षाएं चल रही हैं और शिक्षक एक बिल्डिंग से दूसरी तक ट्रैक्टर से पहुंच रहे हैं। गंदगी के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उपजिलाधिकारी को शिकायत दी गई है, परंतु खंड शिक्षाधिकारी के जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विकास कार्यों में की गई औपचारिकता का खामियाजा गरीब बच्चे भुगत रहे हैं। इस स्कूल में 127 बच्चे पंजीकृत हैं और हाल ही में हुई बारिश से परिसर जलमग्न हो गया है।

- अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए मुख्य डाक्यूमेंट्स
- आज से पिछले 4 सत्र के छुटे हुए ITR निम्न पेनल्टी के साथ भरे जा सकते हैं इनकम 3 लाख से 5 लाख तक होने पर पेनल्टी मात्र ₹1000 लगेगी अब से लेकर पिछले AY 2021-22 तक का ITR भी भर सकते हैं।
- अल्पसंख्यक विद्यालयों में RTE एक्ट का प्रभाव एवं पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता मामले की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई दिनांक 03/04/2025 को
- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित 58वाँ प्रान्तीय सम्मेलन के अवसर पर विशेष अवकाश स्वीकृत करने के संबंध में।
- सभी भर्तियों को मौका इसके साथ ही जो लोग सेवा काल को लेकर चिंतित थे, उनकी चिंता भी स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
गांव का गंदा पानी स्कूल में भर जाने से प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग से संपर्क कट गया है और जूनियर विद्यालय की नई बिल्डिंग का फर्श धंस गया है। टॉयलेट का मार्ग भी जलमग्न है और पानी भरने के कारण सबमर्सिबल पंप भी डूब गया है, जिससे पेयजल का संकट और गहरा गया है। शिक्षकों के अनुसार, 10 दिनों के बाद भी पानी नहीं निकला है।
बच्चों की संयुक्त कक्षाएं चलाई जा रही हैं, जहां कक्षा एक और दो, कक्षा तीन और चार, और कक्षा छह और सात को एक साथ बिठाया जा रहा है। गांव के गंदे पानी के कारण पूरे दिन बदबू बनी रहती है और पानी में सांपों की उपस्थिति से बच्चों में डर व्याप्त है। प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग में रखे सामान को ट्रैक्टर से निकाला गया है।
राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ के जिलाध्यक्ष कीर्तिपाल सिंह ने उपजिलाधिकारी और खंड शिक्षाधिकारी को स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। गंदे पानी में पनपने वाले कीटों से बीमारी फैलने का खतरा है और बच्चे पानी से निकलने के लिए मजबूर हैं।