प्रयागराज। पुलिस भर्ती और समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक की घटना के बाद शासन ने केंद्र निर्धारण के नियम इतने सख्त कर दिए हैं कि केंद्रों की अनुपलब्धता के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब प्रदेश के हर जिले में परीक्षा के लिए केंद्र ढूंढ़ रहा है।
निजी स्कूल-कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में आयोग को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल रहे हैं। आयोग के सामने एक ही दिन में परीक्षा का आयोजन करा पाना बड़ी चुनौती है।
अगर आयोग प्रदेोश के सभी 75 जिलों में केंद्रों की व्यवस्था कर लेता
है तो भी एक दिन में परीक्षा करा पाना मुश्किल होगा।
कांस्टेबल भर्ती के लिए एक दिन में तकरीबन 4.80 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा कराई गई थी। जबकि, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए 576154 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2023 जहां प्रदेश के 51 जिलों के 1241 केंद्रों में आयोजित की गई थी और परीक्षा के लिए 565459 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। दोनों परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की संख्या में मामूली अंतर है।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि अगर प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी और एडेड स्कूल-कॉलेजों को भी केंद्र बनाया जाता है तो एक दिन में परीक्षा करा पाना मुश्किल होगा।
वहीं, 11 फरवरी 2024 को आरओ/एआरओ प्रारंभिक 2023
प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी। पुनर्परीक्षा 22 दिसंबर 2024 को प्रस्तावित है और इस परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए भी प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाए जाने की योजना है। हालांकि, इसके बाद भी परीक्षा एक दिन में नहीं हो सकेगी।
यूनानी चिकित्साधिकारी परीक्षा में 62 फीसदी रही उपस्थिति
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से रविवार को लखनऊ में यूनानी चिकित्साधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा-2023 का आयोजन किया गया। परीक्षा के लिए कुल 2261 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 62.18 फीसदी परीक्षार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। परीक्षा लखनऊ स्थित यूपीपीएससी के कैंप कार्यालय के चार केंद्र में सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक आयोजित की गई। ब्यूरो