बाराबंकी। बेसिक शिक्षा विभाग में करीब चार सौ शिक्षकों का चयन वेतनमान पिछले करीब आठ माह से विभाग में फंसा है। बीएसए व बीईओ कार्यालय में इन शिक्षकों की फाइल में छोटी-छोटी आपत्ति लगा कर बाबू कुंडली मारकर बैठे हैं। इससे शिक्षक परेशान हैं। इस शिक्षकों का कहना है कि कई मामले तो विभाग में 10 दिनों में ही निस्तारित कर दिए गए हैं। लेकिन उनके मामले में आपत्तियां लगाई है। जबकि इनका निस्तारण विभाग को ही करना है। इस संबंध में
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ने बीएसए को ज्ञापन भी दिया था। लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया गया है। विभाग के चक्कर लगा रहे शिक्षक, नहीं हल हो रही समस्याः विकास खंड निन्दूरा के प्राथमिक विद्यालय झरसवां के प्रधानाध्यापक रमेश पांडेय की फाइल पर आपत्ति है कि सात जुलाई 2010 से तीन फरवरी 2024 तक की पूर्व सेवा पंजिका सत्यापित नहीं है। इसी ब्लॉक की उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहसंड की सहायक अध्यापक रेनू वर्मा की चयन वेतन मान की फाइल पर आपत्ति है कि इनकी पूर्व की सेवा सत्यापित नहीं है। सेवा पंजिका में कई जगह सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिलेहटी के सहायक अध्यापक आशीष कुमार की फाइल पर दो सितंबर 2013 से तीन फरवरी 2024 तक मध्य सेवाएं सत्यापित नहीं होने व वेतन निर्धारण व गई जगहों पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है।
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इस ब्लॉक के करीब 17 शिक्षकों की चयन वेतनमान की फाइल पर 18 जुलाई से आपत्ति है लेकिन निस्तारण अभी तक नहीं कराया गया। विकास खंड सिरौली गौसपुर में कम्पोजिट विद्यालय परसा प्रथम में सहायक अध्यापक की फाइल पर
एक जुलाई 2011 से पूर्व का वेतन निर्धारण सेवा पंजिका पर नहीं अंकित होने पर आपत्ति की गई है। इसी तरह इस ब्लॉक के 12 शिक्षकों की चयन वेतन मान की फाइल पर 10 सितंबर से आपत्तियां लंबित हैं। यह तो महज उधाहरण हैं।
सभी 15 विकास खंडों में ऐसे करीब चार सैकड़ा शिक्षक हैं जिनकी चयन वेतनमान की फाइल पर आपत्ति लगा कर उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। यह शिक्षक विभाग में बाबुओं के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। जबकि सेवा पंजिका को अपडेट करने की जिम्मेदारी विभाग में संबंधित पटल के बाबू की है।
10 साल पर मिलता है चयन वेतनमान
10 साल सतत एक ही पद पर बिना विवाद के काम करने वाले शिक्षक या कर्मचारी चयन वेतन मान का लाभ दिया जाता है। इससे उसके वेतन में बढ़ोतरी होती है। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने दो दिन पहले इस संबंध में बीएसए को ज्ञापन भी सौंपा था। आशुतोष का कहना है कि शासन ने करीब ढाई साल पहले ही सेवा पंजिका को ऑन लाइन करा दिया था। ऑफ लाइन सेवा पंजिका को शून्य कर दिया था। करीब डेढ़ माह पहले महा निदेशक स्कूल शिक्षा ने भी ऑन लाइन सेवा पंजिका से ही कार्य करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद भी विभाग में बाबू पुरानी सेवा पंजिका पर ही काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीईओ व बीएसए कार्यालय में बाबू छोटी-छोटी आपत्तियां लगा कर पिछले आठ से नौ माह से फाइलों को रोक रखा है। जबकि कई शिक्षकों की फाइलें 10 दिनों में ही निस्तारित कर दीं