लखनऊ, । कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए 10 आईएएस के पद मंजूर किए जाने के बाद भी पीसीएस अधिकारियों की इस पद पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है, जबकि इनके साथ के पीपीएस को आईपीएस के पद पर पदोन्नति मिल चुकी है।
पीसीएस अफसरों को पदोन्नति क्यूं नहीं मिल पा रही है, इसे तो स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है, लेकिन जो चर्चाएं हैं उसके मुताबिक पदोन्नति पाने वाले पीसीएस अफसर दो खेमे में बंटे हुए हैं। इसी के चलते पदोन्नति का प्रस्ताव कच्छप गति से चल रहा है।
डीओपीटी हर साल पीसीएस अफसरों को आईएएस के पद पर पदोन्नति देने के लिए पद स्वीकृत करता है। इस साल पदोन्नति के लिए 10 पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा पिछले साल के पांच पद रिक्त हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो आईएएस के कुल 15 पदों के लिए पदोन्नतियां होनी हैं। इसमें वर्ष 2008 और 2009 बैच के पीसीएस अफसरों को पदोन्नतियां मिली हैं।
पदोन्नतियां उन्हें ही मिलेंगी जिनकी कोई जांच नहीं चल रही है। जिनकी जांच चल रही है या फिर जो निलंबित हैं पदोन्नति के लिए उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा।
पदोन्नति देने के प्रस्ताव पर चल रहा मंथन
सूत्रों का कहना है कि पीसीएस से आईएएस के पद पर पदोन्नति देने के लिए प्रस्ताव पर अभी मंथन चला रहा है। कुछ पीसीएस अफसरों के मामले फंसे हैं। इसीलिए वे चाहते हैं पहले इसका निस्तारण हो जाए, जिससे उन्हें आईएएस बनने पर अच्छा-खास लाभ मिल जाए। एक पीसीएस अफसर नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि प्रभावशाली लोगों के चलते अन्य पात्रों का भी भला नहीं हो पा रहा है। नियमत सितंबर में डीओपीटी को पदोन्नति का प्रस्ताव भेज दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक प्रस्ताव ही नहीं जा पाया है। इसके चलते पदोन्न्तियां लटकी हुई हैं।