अलीगढ़। साइबर ठगों ने एएमयू की एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर को लगातार दस दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। पहले दिन दो घंटे तक उन्हें उठने नहीं दिया गया जबकि बाकी दिन भी घंटे आधे घंटे तक डरा धमकाकर कमरे से बाहर नहीं जाने दिया।
खुद को ईडी अधिकारी बताकर डराते रहे और चार बार में 75 लाख रुपये ठग लिए। अंतिम बार आठ लाख रुपये खाते में डलवाने के बाद जब कोई कॉल नहीं आई और उन्होंने परिवार वालों से बात हुई तो ठगे जाने का अहसास हुआ। अब साइबर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
एएमयू की एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर सिविल लाइंस क्षेत्र के दोदपुर इलाके में अपार्टमेंट में अकेली रहती हैं। देखभाल के लिए एक नौकर साथ रहता है। महिला प्रोफेसर के पास 28 सितंबर 2024 को एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने उनके बैंक खातों से गलत लेनदेन की बात कहते हुए डराया।
लेनदेन के कुछ रिकार्ड भी दिखाए। फिर कुछ देर बाद वीडियो कॉल पर मुंबई ईडी का अधिकारी बनकर बातचीत की और महिला के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात की।
- शिक्षक पर साजिश या हकीकत के फेर में उलझी पुलिस
- शिक्षक पर साजिश या हकीकत के फेर में उलझी पुलिस
- शिक्षक दंपती पर चाकू से वार:गाय हटाने को कहा तो किया जानलेवा हमला, घर में तोड़फोड़; दो आरोपी गिरफ्तार
- क्या हाइब्रिड फंड में निवेश का सही समय है ?
- जनपद में 29 जनवरी मौनी अमावस्या स्थानीय अवकाश, देखें जनपदीय अवकाश तालिका
इतना ही नहीं एक फर्जी एफआईआर की कॉपी तक महिला के पास भेज दी। फिर बताया कि नरेश गोयल नाम का व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है, जिसने सभी जानकारी दी हैं। बातों में लगाकर महिला से आधार कार्ड व पैन कार्ड की जानकारी ली। फिर बताया कि आपके खाते की रकम सुप्रीम कोर्ट के खाते में जमा होगी। जो जांच पूरी होने के बाद ही
वापस होगी। यह भी धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो खुद महिला को और जिसे जानकारी दोगी, उसको छह छह माह की सजा होगी। इसके बाद गोपनीयता की एक अंडरटेकिंग भी व्हाट्सएप पर ली गई। साथ में कहा कि हमारा आदमी तुम्हारे घर के बाहर निगरानी कर रहा है। हर दो घंटे पर तुमको अपनी ओर से अपनी खैर खबर सकुशल होने की देनी है।