शाहजहांपुर, । बेसिक शिक्षा विभाग में एक नया मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश के दिव्यांग बच्चों को शिक्षण कार्य कराने के लिए प्रत्येक जनपद से शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण ब्लॉक स्तर पर कराया जाना था लेकिन प्रदेश के 60 जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने करीब 210 नोडल शिक्षकों को बिना जानकारी दिए कागजों पर ही प्रशिक्षण करा दिया। शिक्षकों को प्रशिक्षण की जानकारी की भनक नहीं लगी।
कुछ दिनों बाद नोडल शिक्षकों के ब्लॉक स्तरीय ट्रेनिंग में प्रतिभाग करने और अन्य बातों की जानकारी के लिए लखनऊ शिक्षा भवन से समेकित शिक्षा के विद्या समीक्षा केंद्र से फोन किया गया। फोन आने के बाद शिक्षकों में
- UP : सीएम योगी बोले- सिपाही भर्ती में भी 20 प्रतिशत महिलाकर्मियों की होगी भर्ती
- UP : योगी कैबिनेट ने महाकुंभ के लिए खोला खजाना, शराब होगी सस्ती, 23 प्रस्तावों पर लगी मुहर
- प्रदेश के गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर समस्त विद्यालयों में विद्यालय प्रबन्ध समिति (SMC) के गठन के सम्बन्ध में।
- Primary ka master: प्रधानाध्यापक की पिटाई कराने वाली शिक्षिका निलंबित
- Primary ka master: शिक्षिका के साथ ऐसी हरकत…दहशत में छोड़ दिया स्कूल में पढ़ाना
हड़कंप मच गया। नोडल शिक्षकों ने ब्लॉक पर प्रशिक्षण लेने से मना कर दिया। शिक्षकों ने कॉलर को बताया कि प्रशिक्षण की जानकारी ही नहीं है। अन्य सभी जनपदों में फोन करके प्रशिक्षण की जानकारी कराई गई। इस दौरान आगरा, अलीगढ़, अंबेडकरनगर, अमेठी, औरैया, खीरी और बदायूं सहित 60 जिलों के 210
शिक्षकों ने प्रशिक्षण लेने से इंकार कर दिया। मामले की जानकारी होने पर महानिदेशक शिक्षा ने कड़ी नाराजगी जताते हुए 60 बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया है। प्रशिक्षण के लिए भेजे गए बजट में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। शाहजहांपुर में 100 शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया गया था।
इन जिलों में अधिक शिक्षकों ने प्रशिक्षण नहीं लिया
बिजनौर के 10, भदोही तथा कन्नौज के 9, जालौन में 8, मैनपुरी में 7, फतेहपुर और महाराजगंज में 6 शिक्षकों ने प्रशिक्षण नहीं लिया।
सबसे कम प्रशिक्षण वाले जिले
इटावा, हरदोई, रामपुर में एक-एक, हमीरपुर, बदायूं, बुलंदशहर में दो-दो, सुल्तानपुर व मुजफ्फरनगर में तीन-तीन और अमरोहा में चार शिक्षकों ने दिव्यांग बच्चों को शिक्षण कार्य कराने का प्रशिक्षण लिया।