प्रदेश के 18,285 परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में वाटिकाएं (किचन गार्डन) विकसित की जाएंगी। प्रत्येक विद्यालय को इसके लिए पांच हजार रुपये की धनराशि दी गई है। वाटिका विकसित करने पर इस वर्ष कुल 9.14 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विद्यालयों में इसके माध्यम से सब्जियां, फल व फूल उगाए जाएंगे। विद्यार्थियों को इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों की देखरेख में विद्यार्थी बागवानी सीखेंगे।
- परिषदीय विद्यालयों में PFMS के माध्यम से भुगतान हेतु प्राप्त विभिन्न मद के कंपोनेंट कोड एवं धनराशि की लिमिट
- शिक्षक ध्यान दें 🙏 PFMS खाते में आये बाला पेंटिंग की 25000 रुपये की मद का खर्च इस PDF को देख कर करना है
- UP : उपचुनाव वाले दिन जनपद में रहेगा सार्वजनिक अवकाश, जानिए कब किस जिले में है उपचुनाव
- चयन वेतनमान लगाने में लापरवाही, बीईओ के निलंबन की संस्तुति
- सावधान! भारत समेत दुनियाभर में फिर लौट रहा खसरा
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में इसके माध्यम से हरियाली बढ़ेगी। राज्य सरकार हर वर्ष वृहद पौधारोपण अभियान चलाकर प्रदेश को हरा-भरा बनाने में जुटी हुई है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में वाटिका बनाए जाने का निर्णय लिया गया। स्कूलों में लौकी, तरोई, करेला व कडू जैसी मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। फलों में केला, पपीता, अनार और अमरूद आदि के पौधे लगाए जाएंगे। वाटिका के रखरखाव के लिए प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। छात्रों की मदद से ही इसे संवारा जाएगा। उन्हें बागवानी के गुर
सिखाए जाएंगे। विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति शुरुआत न से ही जिम्मेदारी का भाव पैदा हो, इसके लिए यह न पहल की जा रही है। न्याय पंचायत व ब्लाक स्तर पर अच्छी वाटिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा। के शिक्षक व छात्र इसके माध्यम से किस तरह के प्रयोग क कर रहे हैं, इसकी जानकारी दूसरे विद्यालयों को भी । दी जाएगी। स्कूलों को दिए गए बजट से वाटिकाएं तैयार की गईं हैं या नहीं, इसके लिए स्कूली शिक्षा महानिदेशालय जिलों से जल्द जानकारी लेगा। फिर स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर इनका सत्यापन किया जाएगा।