संतकबीरनगर। बीएसए ने प्राइवेट फर्म को परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को आईकार्ड बनाने के लिए फोटो के लिए 20 रुपये लेने का निर्देश जारी किया था। अमर उजाला में खबर प्रकाशन के बाद डीएम ने आईकार्ड बनाने की योजना को तत्काल निरस्त कर दिया। इधर बीएसए ने पत्र जारी कर आईकार्ड बनाने के लिए किसी भी तरह के रुपये न लेने का निर्देश दिया
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इधर शिक्षक संगठनों ने बीएसए के आदेश पर विरोध जताना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि बीएसए ने 22 अगस्त को पत्र जारी सभीबीईओ, डीसी बालिका शिक्षा, एआरपी, संकुल प्रभारी को निर्देश दिया कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चाें का आईकार्ड बनाया जाना है। जिसके लिए छात्रों से फोटो के मद में 20 रुपये वसूल किया जाना है, जो विद्यार्थी फोटो लेकर आएंगे उनसे रकम नहीं ली जाएगी। इसके बाद शिक्षकों ने बच्चों को फोटो के मद में 20-20 रुपये वसूलना शुरू कर दिया।
बीएसए अमित सिंह ने बताया कि आईकार्ड के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
बच्चों से वसूला गए रुपये कराया वापस
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों से एक एजेंसी ने आईकार्ड बनवाने के लिए 20 रुपये प्रति छात्र लिया है। सभी ब्लॉकों से उक्त एजेंसी के जरिए पैसे लिए गए है। निशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार के तहत संगठन भी इसे उचित नहीं मानता है कि ग्रामीण परिवेश के बच्चों से रुपये लिए जाएं। ऐसे में संबंधित एजेंसी के जरिए लिए गए रुपये को वापस कराया जाए।
– नवीन त्रिपाठी,
जिलाध्यक्ष ,राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
बच्चों के लिए आईकार्ड बनवाने में रंगीन फोटो के लिए 20 रुपये लिया जाना गलत है। इसे लेकर शिक्षकों और अभिभावकों में आक्रोश है। एजेंसी के लोग शिक्षकों पर कार्रवाई का भय दिखाकर अधिकतर विद्यालयों में धन एकत्र कर लेकर चले गए हैं, जो कि उचित नहीं है। ऐसे में सभी छात्र-छात्राओं का एकत्रित धनराशि को विद्यालयवार वापस कराएं, नहीं तो शिक्षक संगठन प्रदर्शन को बाध्य होगा।
– अंबिका देवी यादव,
जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ