लखनऊ। प्रदेश में संस्कृत की पढ़ाई को बढ़ावा देने के क्रम में प्रदेश सरकार की ओर से 16 नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों को स्वीकृति दी गई है। इनके भवन निर्माण के लिए शासन की ओर से 17 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। जल्द ही इनका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि नए सत्र में यहां पढ़ाई शुरू हो सके।

- बीईओ दूर कराएंगे आधार संबंधी गड़बड़िया
- 2 साल में 2 बार गर्भवती, जानें मेटरनिटी लीव के लिए कुछ शिक्षिकाओं को क्यों लेनी पड़ी कोर्ट की शरण?
- परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नौकरी का इंतजार
- 16वीं जनगणना की तिथियों का ऐलान: जनगणना,जातीय गणना साथ होगी: मार्च 2027 तक पूरा होगा काम
- यूपी के 25 वाहन डीलरों को बड़ा झटका! एक महीने तक नहीं बेच सकेंगे गाड़ियां, देख लो खाई आपके जिले का कोई डीलर नहीं है लिस्ट में….
अभी प्रदेश में मात्र दो राजकीय संस्कृत विद्यालय हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने पांच धार्मिक शहरों नैमिषारण्य (सीतापुर), प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा व चित्रकूट में नए आवासीय राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने को मंजूरी दी थी। यहां पर 100-100 बेड के छात्रावास भी होंगे। इनके अतिरिक्त वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, जालौन, अमेठी, मुरादाबाद, एटा व हरदोई में भी राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने को हरी झंडी दी गई है।