लखनऊ। राजधानी में संचालित कक्षा
छह से आठ तक के बेसिक शिक्षा विभाग के जूनियर विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 1800 बच्चों ने
पहली बार अपने वैज्ञानिक नवाचारी आइडिया केंद्र सरकार को भेजे हैं।
- सरकारी स्कूल में पढ़ाना केवल एक पेशा नहीं, बड़ा चैलेंज है
- पीसीएस परीक्षा देने जा रही अभ्यर्थी ट्रेन से कटी
- UPPSC: पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्न
- वित्त नियंत्रक प्रयागराज ने वित्त एवं लेखा अधिकारी रायबरेली से मांगा स्पष्टीकरण, एनपीएस अंशदान प्रतिमाह जमा न करने पर
- समस्त परिषदीय शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों का GPF बैलेंस मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड किए जाने के सम्बन्ध में।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार की इंस्पायर अवॉर्ड योजना के तहत, चयनित बच्चों को 10 हजार रुपये की सहायता राशि उनके खातों में दी जाएगी। इस धनराशि से वे वैज्ञानिक नवाचार कर पाएंगे। पहले यह आवेदन केवल 10वीं और 12वीं कक्षा तक के माध्यमिक स्कूलों और कॉलेजों तक सीमित थे, परंतु अब पहली बार बेसिक, संस्कृत, केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों के बच्चों को भी आवेदन की अनुमति दी गई है।
बच्चों के बैंक खाते न होना है समस्या
जूनियर विद्यालयों में अधिकांश बच्चों के पास बैंक खाते नहीं होते, जिससे वे इस योजना में भाग नहीं ले पाते हैं। प्रधानाध्यापकों के अनुसार, बच्चों के खाते खोलने में दो से तीन दिन लगते हैं, अन्यथा अब तक अधिक आवेदन हो चुके होते। खाता न होने पर आवेदन स्वीकृत नहीं किए जाते। चूंकि अभी समय है, आवेदनों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।