प्रयागराज : हाईस्कूल में ग्रेडिंग
प्रणाली लागू कर चुका यूपी बोर्ड अब इंटरमीडिएट में भी इसे लागू करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इससे विद्यार्थी अधिक अंक हासिल करने की दौड़ में शामिल होने के बजाय विषय में समझ बढ़ाने की ओर अग्रसर होंगे। ग्रेडिंग प्रणाली लागू होने पर कम अंक मिलने पर मन में उपजने वाली हीनभावना में कमी आएगी। इसके लिए हाईस्कूल की तरह इंटरमीडिएट की परीक्षा में छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन के आधार पर नौ तरह के ग्रेड प्रदान किए जाएंगे। उनके अंकपत्र में विषयवार प्राप्त अंकों का योग अंकित नहीं किया जाएगा। शासन से मंजूरी मिलने के बाद इसे वर्ष 2026 की परीक्षा से लागू किया जा सकता है।

- Pairing School Information :विद्यालयों के पेयरिंग सम्बन्धी सूचना प्रेषित किये जाने के सम्बन्ध में।
- एआरपी चयन विज्ञप्ति
- नवोदय विद्यालय फॉर्म
- जनपद के परिषदीय विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के उपरान्त विद्यालयों में साफ-सफाई के सम्बन्ध में।
- सहायक अध्यापिका द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों मुक्त हुए प्रधानाध्यापक
बोर्ड का मानना है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में परीक्षार्थियों में अच्छे अंक पाने की होड़ रहती है। अच्छे अंक पाने वालों में उत्साह रहता है, जबकि कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं को इस बात का मलाल रहता है कि उन्हें कम अंक हासिल हुए हैं। इस मलाल को कम करने तथा हाईस्कूल की तरह एकरूपता लाने के लिए यह प्रयास शुरू किया गया है। ग्रेडिंग व्यवस्था में इंटरमीडिएट के अंकपत्र की डिजायन में भी परिवर्तन किया जाएगा। अंकपत्र में हाईस्कूल की तरह परीक्षा में विषयवार मिले अंक अंकित रहेंगे, लेकिन प्राप्त अंकों का योग नहीं लिखा होगा। नई व्यवस्था में निर्धारित किए गए नौ ग्रेडों में परीक्षार्थी को परीक्षा में 91 से 100 तक अंक मिलने पर अंकपत्र में ‘ए-1’ ग्रेड अंकित किया जाएगा।