लखनऊ। विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को आ रही समस्याओं को देखते हुए शासन के निर्देश पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सोमवार को आदेश जारी कर अवकाश की प्रक्रिया को सरल कर दिया है। इसके तहत अब किसी भी प्रकार के अवकाश प्रकरण के निस्तारण में स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
चिकित्सकों में समस्त रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर भी अनुमन्य होंगे। वहीं बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में सामान्यतया अधिकतम 30 दिनों के लिये दिया जाएगा।
चुनाव, आपदा, जनगणना, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी अथवा विद्यालयी परीक्षाओं की अवधि व उससे 5 दिवस पूर्व की तिथियों के लिए प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों को खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्यक विचारोपरान्त निस्तारित किया जाएगा।
- मेडिकल अवकाश approve करने की समय सीमा
- मेडिकल अवकाश यह करना न भूलें
- चाइल्ड केअर लीव (CCL)
- मैटरनिटी लीव (प्रसूतावस्था अवकाश) : नई शर्ते व सम्बंधित आदेश
- परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को निर्बन्धित अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं हैं
इसी प्रकार से बेसिक शिक्षा परिषद के पत्र 20 फरवरी 1999 के अनुक्रम में बेसिक शिक्षा परिषद के तहत कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को ग्रीष्मावकाश व शीतावकाश में सक्षम अधिकारी (शासन स्तर/राज्य स्तर) के आदेश पर कार्य किए जाने के सापेक्ष ही अर्जित, उपार्जित अवकाश दिया जाएगा। इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को निर्बन्धित अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं हैं।
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