गोंडा : बेसिक शिक्षा विभाग से
संचालित 325 परिषदीय विद्यालयों के संचालन पर संकट के बादल छा गए हैं। विभाग ऐसे विद्यालयों की कुंडली तैयार कर रहा है, जहां विद्यार्थियों की संख्या 50 या उससे कम है। वहीं इन विद्यालयों के पड़ोस में संचालित स्कूलों का विवरण भी मांगा गया है।
जिले के लगभग 325 ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें 50 से कम विद्यार्थी पंजीकृत हैं। शासन ने ऐसे विद्यालय भवन का विवरण मांगा है। इसके साथ ही इनमें तैनात अध्यापकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की सूची तलब की है। माना जा रहा है कि 50 से कम पंजीकृत विद्यार्थी वाले विद्यालयों को बंद कर छात्रों को पड़ोस के विद्यालयों में संबद्ध करने की कवायद तेज हो गई है।
विद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या पर एक नजर गत पांच अक्टूबर तक विभाग के प्रेरणा पोर्टल पर नामांकित विद्यार्थियों की संख्या पर ध्यान दिया जाए तो विकास खंड झंझरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय राम
- जनपद में ऑडिट के संबंध में , आदेश जारी
- जिले में कार्यरत रसोइयों से एमडीएम से सम्बन्धित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य न लिए जाने के संबंध में।
- फ्लैट में घुसकर शिक्षिका और उसके पति पर हमला, शिक्षक गिरफ्तार
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं उत्तर प्रदेश आधनियम-2009 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 के के अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर समस्त विद्यालयों में प्रबन्ध समिति पुर्नगठन के सम्बन्ध में
- परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं होंगी वित्तीय साक्षर
नगर बनकट में मात्र तीन विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें एक अध्यापक की तैनाती है। इस विद्यालय के कक्षा छह में एक भी विद्यार्थी नहीं पंजीकृत है। ऐसे ही बेलसर के उच्च प्राथमिक विद्यालय मिश्रनपुरवा में आठ, पड़री कृपाल के प्राथमिक विद्यालय तुलसीपुर कोड़री में मात्र 11 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।
परसपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरे पांडेय में 11, झंझरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय नौबरा द्वितीय में 12, परसपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय नेवारा में 13, मनकापुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय चांदमऊ में 14, उच्च प्राथमिक विद्यालय कोटवा चौबे में 14, झंझरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय कंसापुर द्वितीय में 15, परसपुर के प्राथमिक विद्यालय सरनामपुरवा में 16 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। हालात ये हैं कि 30 से कम पंजीकृत विद्यार्थी वाले पश्विदीय स्कूलों की संख्या 70 से अधिक है