लखनऊः परिषदीय प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्र, अनुदेशक व रसोइया की समस्याओं का समाधान करने के लिए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह मंगलवार को बैठक करेंगे। इनके सभी संगठनों के दो-दो प्रतिनिधियों को बैठक में आमंत्रित किया गया है। स्कूलों में कार्यरत 1.46 लाख शिक्षामित्र इस बैठक में नियमितिकरण न किए जाने तक महंगाई के अनुसार मानदेय बढ़ोतरी की मांग उठाएंगे।
- मानसिक स्वास्थ्य एवं साइबर सुरक्षा पर आयोजित कार्यशाला का व्यापक प्रसार-प्रसार किये जाने के सम्बन्ध में।
- पी०एम० ई-विद्या डी०टी०एच० टी०वी० चैनलों हेतु वीडियो निर्माण के संबंध में।
- प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में समूह ग एवं घ के रिक्त पदों के संबंध में
- वर्ष 2024-25 में पी0एम0 श्री योजना के अन्तर्गत स्पेशल एजूकेटर्स का भारत सरकार द्वारा विकसित गवर्नमेण्ट -ई -मार्केटप्लेस जेम के माध्यम से आउटसोर्स किये जाने के सम्बन्ध में।
- शिक्षा विभाग के अधीनस्थ राजकीय कार्यालयों/ विद्यालयों/ विशिष्ट संस्थानों में समूह “ग” के आशु लिपिक के समस्त रिक्त पदों के सापेक्ष आयोग को अधियाचन हेतु निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराये जाने के संबंध में।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील यादव कहते हैं कि दूसरे राज्यों की तर्ज पर यूपी में भी महंगाई को देखते हुए इसे बढ़ाया जाए। उत्तराखंड में शिक्षामित्रों को 20 हजार रुपये, राजस्थान में 35 हजार रुपये, मध्य प्रदेश में 28 हजार रुपये और हिमाचल प्रदेश में 38 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है। उप्र में शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मासिक मानदेय ही मिल रहा है। ऐसे में इसे बढ़ाया जाना
चाहिए। वहीं उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने मांग की है कि शिक्षामित्र, अनुदेशक व रसोइया सभी का मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए।