लखनऊ, । ठाकुरगंज कोतवाली में डॉक्टर ने प्लॉट से कब्जा हटवाने और रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के बदले एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी ने सचिवालय में समीक्षा अधिकारी होने का दावा किया था। साथ ही डीएम और एसडीएम के फर्जी लेटर भी दिखाए थे।
- राज्यों में बनाया जाएगा उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों का समूह
- परिषदीय प्री-प्राइमरी स्कूलों में होगा उन्मुखीकरण, अभिभावकों को पढ़ाया जाएगा अच्छे व्यवहार का ककहरा कार्यक्रम
- अनुदान सूची पर आएंगे आवासीय संस्कृत विद्यालय, राज्य सरकार निर्धारित संख्या में शिक्षकों के वेतन को देगी अनुदान
- तीन दिनों में बदल जाएगा उत्तर भारत का मौसम
- अनुकंपा पर नियुक्ति सरकारी नौकरी पाने का अधिकार नहीं
चुटकी बजाते ही खाली करा दूंगा प्लॉट: बरौरा निवासी डॉ. नरेंद्र वर्मा प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। किराएदार शैलेंद्र के जरिए दुबग्गा निवासी मान सिंह से पहचान हुई थी। जो सचिवालय में समीक्षा अधिकारी होने का दावा करता है। बातचीत के दौरान नरेंद्र के प्लॉट पर कबाड़ियों का कब्जा होने की बात मान सिंह को पता चली। आरोपी ने प्लॉट खाली कराने के बदले 50 लाख रुपये मांगे थे। मान सिंह को समीक्षा अधिकारी समझ कर पीड़ित ने रुपये दे दिए थे। प्लॉट खाली कराने का दावा करते हुए डीएम और एसडीएम का फर्जी लेटर भी दिखाया गया था। आरोपियों ने नरेंद्र के भांजे और बहू की नियुक्ति एक कैंसर हॉस्पिटल में कराने के बदले भी करीब 50 लाख लिए थे। यह आरोप लगाते हुए पीड़ित ने डीसीपी पश्चिम ओमवीर सिंह से शिकायत की थी। जिनके निर्देश पर ठाकुरगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।