लखनऊ, । ठाकुरगंज कोतवाली में डॉक्टर ने प्लॉट से कब्जा हटवाने और रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के बदले एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी ने सचिवालय में समीक्षा अधिकारी होने का दावा किया था। साथ ही डीएम और एसडीएम के फर्जी लेटर भी दिखाए थे।
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चुटकी बजाते ही खाली करा दूंगा प्लॉट: बरौरा निवासी डॉ. नरेंद्र वर्मा प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। किराएदार शैलेंद्र के जरिए दुबग्गा निवासी मान सिंह से पहचान हुई थी। जो सचिवालय में समीक्षा अधिकारी होने का दावा करता है। बातचीत के दौरान नरेंद्र के प्लॉट पर कबाड़ियों का कब्जा होने की बात मान सिंह को पता चली। आरोपी ने प्लॉट खाली कराने के बदले 50 लाख रुपये मांगे थे। मान सिंह को समीक्षा अधिकारी समझ कर पीड़ित ने रुपये दे दिए थे। प्लॉट खाली कराने का दावा करते हुए डीएम और एसडीएम का फर्जी लेटर भी दिखाया गया था। आरोपियों ने नरेंद्र के भांजे और बहू की नियुक्ति एक कैंसर हॉस्पिटल में कराने के बदले भी करीब 50 लाख लिए थे। यह आरोप लगाते हुए पीड़ित ने डीसीपी पश्चिम ओमवीर सिंह से शिकायत की थी। जिनके निर्देश पर ठाकुरगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।