लखनऊ, । ठाकुरगंज कोतवाली में डॉक्टर ने प्लॉट से कब्जा हटवाने और रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के बदले एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी ने सचिवालय में समीक्षा अधिकारी होने का दावा किया था। साथ ही डीएम और एसडीएम के फर्जी लेटर भी दिखाए थे।

- Primary ka master: मास्टरों का गांव: बुलंदशहर का सांखनी, जहां 700 घरों में 400 लोग हैं शिक्षक
- Primary ka master: एआरपी परीक्षा में 59 शिक्षक फेल, केवल 57 हुए उत्तीर्ण
- GOLD में होने जा रहा बड़ा खेल, Goldman Sachs ने की बड़ी भविष्यवाणी !
- Primary ka master: जिले के अंदर म्यूच्यूअल ट्रांसफर का लिंक एक्टिव नहीं
- Primary ka master: स्कूल चलो हेतु “कई वर्ष पूर्व लिखित पंक्तियां” (वर्तमान में पुनः प्रासंगिक)
चुटकी बजाते ही खाली करा दूंगा प्लॉट: बरौरा निवासी डॉ. नरेंद्र वर्मा प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। किराएदार शैलेंद्र के जरिए दुबग्गा निवासी मान सिंह से पहचान हुई थी। जो सचिवालय में समीक्षा अधिकारी होने का दावा करता है। बातचीत के दौरान नरेंद्र के प्लॉट पर कबाड़ियों का कब्जा होने की बात मान सिंह को पता चली। आरोपी ने प्लॉट खाली कराने के बदले 50 लाख रुपये मांगे थे। मान सिंह को समीक्षा अधिकारी समझ कर पीड़ित ने रुपये दे दिए थे। प्लॉट खाली कराने का दावा करते हुए डीएम और एसडीएम का फर्जी लेटर भी दिखाया गया था। आरोपियों ने नरेंद्र के भांजे और बहू की नियुक्ति एक कैंसर हॉस्पिटल में कराने के बदले भी करीब 50 लाख लिए थे। यह आरोप लगाते हुए पीड़ित ने डीसीपी पश्चिम ओमवीर सिंह से शिकायत की थी। जिनके निर्देश पर ठाकुरगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।