राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक अब अधिकतम तीन वर्ष तक एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) पद पर कार्य कर सकेंगे। अभी तक इनका कार्यकाल कोई निश्चित नहीं था। अभी एक वर्ष तक के लिए इन्हें रखा जाता था और फिर प्रदर्शन के आधार पर आगे इनका नवीनीकरण किया जाता
था। ऐसे में कई शिक्षक तो एक वर्ष
- जनपद में ऑडिट के संबंध में , आदेश जारी
- जिले में कार्यरत रसोइयों से एमडीएम से सम्बन्धित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य न लिए जाने के संबंध में।
- फ्लैट में घुसकर शिक्षिका और उसके पति पर हमला, शिक्षक गिरफ्तार
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं उत्तर प्रदेश आधनियम-2009 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 के के अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर समस्त विद्यालयों में प्रबन्ध समिति पुर्नगठन के सम्बन्ध में
- परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं होंगी वित्तीय साक्षर
बाद ही इस पद से हट गए और कुछ चार-पांच वर्षों से कार्यरत हैं। प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम की ओर से यह आदेश जारी कर दिया गया। अब तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद शिक्षक दोबारा एआरपी नहीं बन सकेंगे। जो एआरपी कार्यरत हैं और उनका कार्यकाल खत्म हो रहा
है तो अब उनकी सेवा अवधि 31 मार्च वर्ष 2025 तक बढ़ा दी गई है। प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच एआरपी को शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालयों के निगरानी की कमान दी गई है। यही नहीं, प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गणित व भाषा में निपुण बनाने का जिम्मा होगा। अपने-अपने ब्लाक के 10-10 स्कूलों को यह निपुण बनाएंगे।