लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात 1.45 लाख शिक्षामित्रों, 3.50 लाख रसोइयों व 32 हजार अनुदेशकों को जल्द ही सौगात मिलेगी। यह आश्वासन बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएलसी व उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों को दिया है।
यह प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीएम से उनके सरकारी आवास पर मानदेय बढ़ाने, मूल विद्यालय वापसी व तदर्थ शिक्षकों के मुद्दे पर मिला था। विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों के मानदेय वृद्धि पर चर्चा
हुई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि मेरे निर्देश पर ही विभागीय बैठक हुई है। आप सब की समस्याओं को संकलित कर लिया गया है। इस पर जल्द ही विभागीय मंत्री व विभाग के
- शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को होगा एसएमसी का पुनर्गठन, इस माह 30 तक गठित कर ली जाएंगी समितियां और 1 दिसंबर से हो जाएंगी क्रियाशील
- सभी वरिष्ठ सहायक अध्यापक ध्यान दे:
- सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए
- नई शिक्षक भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय का आया जवाब, देखें यह आदेश
- महाकुंभ के कारण हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा मार्च में
अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा।
उन्होंने बताया कि बैठक के बाद विचार विमर्श कर आप सभी की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। हमारी सरकार आपके साथ है। इसी क्रम में तदर्थ शिक्षकों के
मुद्दे पर भी उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच करा रहे हैं। इस मामले में भी बेहतर निर्णय होगा। इस दौरान एमलएसी धर्मेंद्र भारद्वाज व सुरेंद्र चौधरी, संघ के महामंत्री सुशील यादव भी उपस्थित थे।
वहीं इसके बाद संगठन महामंत्री सुशील यादव, कोषाध्यक्ष रमेश मिश्रा के साथ प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद से भी मुलाकात की। लोक भवन में उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएम के साथ बेसिक शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों की बैठक होने के बाद आप सभी की समस्या का समाधान हो जाएगा। महामंत्री सुशील यादव ने कहा कि आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद शिक्षामित्र से संबंधित शासनादेश जारी होगा